जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय का सेंट्रल रेलवे हॉस्पिटल जबलपुर जिसे रेल कर्मचारियों, रिटायर रेल कर्मचारियों व उनके परिजनों के उपचार का जिम्मा है, खुद ही बीमार पड़ गया है. यहां पर आज सोमवार 4 मार्च को उस समय अफरातफरी मच गई, जब पूरे मंडल के दूरदराज स्टेशनों से सैकड़ों मरीज उपचार कराने पहुंचे तो यहां पर उन्हें डाक्टर्स ही उपलब्ध नहीं मिले. बताते हैं कि कांट्रेक्ट मेडिकल प्रैक्टिशनर (सीएमपी) जिनके जिम्मे ही अस्पताल चल रहा है, उनमें से अधिकांश डॉक्टर आज गायब रहे, जिससे अफरातफरी का माहौल दिन भर मचा रहा.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय रेलवे अस्पताल में कटनी, नरसिंहपुर, गाडरवारा, मैहर, सतना आदि स्थानों के साथ ही दूसरे मंडल से भी कर्मचारी और उनके परिवार तथा रिटायर रेल कर्मचारी व उनके परिजन इलाज के लिए आते हैं. सुबह आने वाली गाडिय़ों से आकर वे सीधे रेलवे अस्पताल पहुंचते हैं, जहां पर उनकी बीमारी और बिगड़ जाती है, जब उन्हें पता लगता है कि यहां पर तो डाक्टर ही नहीं हैं.
अचानक एक साथ डाक्टर्स को क्यों दी गई छुट्टी
आज 4 मार्च सोमवार को सैकड़ों रेल कर्मचारी, रिटायर कर्मचारी, उनके परिजन सुबह से अस्पताल में कतार में खड़े रह, लेकिन यहां पर काफी देर बाद पता चला कि अधिकांश डाक्टर्स तो छुट्टी पर हैं, बमुश्किल दो वरिष्ठ चिकित्सकों न मरीजों को देखना शुरू किया, लेकिन सैकड़ों मरीजों के सामने दो डाक्टर्स आखिर कितने मरीजों को देख पाते. आखिरकार सैकड़ों लोग अस्पताल प्रशासन की अराजक व्यवस्था को कोसते हुए वापस लौट गये. वहीं लोग यह भी सवाल पूछते रहे कि आज सप्ताह का प्रथम दिवस था, रेल अस्पताल प्रशासन को भी पता होता है कि सप्ताह के शुरुआती दिनों में काफी मरीज आते हैं, ऐसी स्थिति मेें एक साथ कई डाक्टर्स को छुट्टी क्यों दी गई.?
टोकन प्रणाली हो गई ध्वस्त
बताते हैं कि रेलवे अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाने के पहले टोकन लेना होता है, टोकन के लिए मशीन लगी है, यह मशीन भी आज बीमार हो गई, यानी खराब हो गई, लोग टोकन लेने के लिए परेशान होते रहे, बिना टोकन के डॉक्टर मरीजों को नहीं देखते हैं, जिससे लोगों में काफी आक्रोश देखा जाता रहा. उपचार कराने आये लोगों का कहना था कि यदि टोकन मशीन खराब है तो प्रशासन का मैनुअल टोकन देने की व्यवस्था करना था, ताकि उनका समय बर्बाद होने से बच सके.
यूनियन प्रशासन के समक्ष उठाती रही हैं समस्याएं
- वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) लगातार रेलवे अस्पताल में उपचार की बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो, पर्याप्त डाक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ व दवाइयां मुहैया होती रहें, इसके लिए प्रशासन के समक्ष विषय को उठाती रही है. दूरदराज से आने वाले रेल कर्मचारी, रिटायर रेल कर्मचारी व उनके परिजन परेशान नहीं हों, इस विषय को लेकर यूनियन जोनल व मंडल पीएनएम में मामले को जोरशोर ढंग से उठायेगी.
- रोमेश मिश्रा, मंडल सचिव, डबलूसीआरईयू, जबलपुर.
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