पटना. बिहार में नीतीश सरकार का कैबिनेट विस्तार हो गया. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर 21 मंत्रियों को शपथ दिलाई. बीजेपी के 12 और जेडीयू कोटे से 9 मंत्री बने. बीजेपी ने अपने कोटे ने 6 नए मंत्री बनाए हैं, जबकि जेडीयू से सभी पुराने चेहरे शामिल किए गए हैं. केवल संजय झा (राज्यसभा गए) की जगह महेश्वर हजारी को मंत्री बनाया गया है.
अब सरकार में सीएम समेत कुल 30 मंत्री हो गए हैं. इनमें से बीजेपी 15, जेडीयू के 13, हम पार्टी और निर्दलीय कोटे से एक-एक मंत्री बनाए गए हैं. यह 2020 में जब एनडीए सरकार बनी थी, तब भी यही फॉर्मूला था. इस बार सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में 14 फीसदी से ज्यादा संख्या वाले यादव जाति से एक भी मंत्री नहीं बनाया गया है. वहीं सिर्फ एक मुस्लिम को जगह मिली है.
सभी वर्गों को साधने का प्रयास
लोकसभा चुनाव से पहले हुए इस कैबिनेट विस्तार में सभी वर्गों को साधने की कोशिश की गई है. बीजेपी ने अपने कोर वोट बैंक सवर्ण कोटे से 6 मंत्री बनाए हैं. वहीं नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक पिछड़ा और अति पिछड़ा से कुल आठ मंत्री बनाए गए हैं. इनमें अति पिछड़ा से चार और पिछड़ा से चार मंत्री हैं. दलितों को ध्यान में रखते हुए इस कोटे से छह मंत्री बनाए गए हैं. वहीं, एक मात्र मुस्लिम को जगह मिली है.
21 में से सिर्फ 6 नए चेहरे, सभी को बीजेपी ने मौका दिया
यह एनडीए सरकार का दूसरा कैबिनेट विस्तार था. 21 मंत्रियों में से सिर्फ 6 नए मंत्री बने हैं. सभी बीजेपी कोटे से हैं. इनमें संतोष सिंह, दिलीप जायसवाल, हरी सहनी, सुरेन्द्र मेहता, कृष्णनंदन पासवान, केदार प्रसाद गुप्ता शामिल हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार: दूल्हे की बहन को लेकर वीडियोग्राफर फरार, पहले शादी पूरी की फिर दोनों भाग निकले
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