जबलपुर. सरकारी दफ्तरों, बैंक, निजी कंपनियों में किराए पर कार लगाने के नाम पर एमपी के जबलपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिस नर्मदा टूर एंड ट्रेवल्स वाले को लोगों ने कार सौंपी थी, उसने दो महीने बाद कार मालिकों को करोड़ों की चपत लगा दी.
बताया जाता है कि जबलपुर के रांझी इलाके की 20 से ज्यादा और आस-पास के जिलों की 5 करोड़ की करीब 40 कारें लेकर नर्मदा टूर एंड ट्रैवल्स का संचालक भाग गया. खास बात यह है कि ट्रेवल्स मालिक को कोई जानता तक नहीं. कार का किराया अनुबंध जबलपुर निवासी मैनेजर पीयूष नायडू के नाम पर ही किया गया. कार मालिकों की शिकायत पुलिस इस ठगी के मास्टरमाइंड को पकडऩे में जुट गई है.
मांगी प्राइवेट नंबर की कार
ट्रेवल्स संचालक ने लोगों से कहा गया कि टैक्सी कोटा का नंबर नहीं चाहिए. किराए पर सिर्फ प्राइवेट नंबर वाली कार ही लगेंगी. लोगों को हर महीने 18 हजार रुपए किराए की राशि खाते में भेजने का वादा किया. लगभग 20 से ज्यादा कार तब तक किराए पर जा चुकी थीं. खास बात यह है कि जो अनुबंध स्टाम्प पेपर में हुए, उनमें कंपनी मालिक की जगह मैनेजर पीयूष नायडू को कार सौंपने की जानकारी दी गई. मैनेजर के हस्ताक्षर तक अनुबंध में नहीं थे.
वाहन गिरवी रखकर दूसरे लोगों को फंसाया
इस मामले में सिर्फ कार मालिक के साथ धोखाधड़ी नहीं हुई है, बल्कि जो कार ट्रैवल्स वालों के पास थीं. उनको गिरवी रखा गया. किसी वाहन की कीमत 15 लाख है, तो गिरवी बतौर 10 लाख नगद ले लिए. कुछ लोगों को अपना वाहन किसी दूसरे व्यक्ति के घर में मिला. चूंकि वाहन की ओरिजिनल रजिस्ट्रेशन बुक और इंश्योरेंस की कॉपी गिरवी रखते समय दी गई तो लोगों ने लाखों रुपए कंपनी वालों को दे दिए. सूत्रों के मुताबिक ऐसे तीन से चार वाहन पुलिस ने जब्त भी किए. बाद में वकीलों की मदद से लोगों ने अपना वाहन छुड़ा लिया. सीएसपी ओमती पंकज मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच प्रारंभ कर दी गई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-लोकमान्य तिलक टर्मिनस-प्रयागराज जंक्शन के मध्य जबलपुर होकर चलेगी होली स्पेशल ट्रेन