जैसे-जैसे होली का जिक्र शुरू होता है वैसे ही होलाष्टक की चर्चा भी होने लगती है. यह होलाष्टक आखिर क्या है और क्या होता है इसका अर्थ. इस दौरान कुछ विशेष कार्य वर्जित माने गए हैं लेकिन ऐसा क्यों?
होलाष्टक का यह समय फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से प्रारंभ हो जाता है. अर्थात इस साल 17 मार्च 2024 से होलाष्टक प्रारंभ हो जाएंगे और यह फाल्गुन पूर्णिमा तक चलते हैं अर्थात 24 मार्च 2024 को इसकी समाप्ति होगी. इसी दिन होलिका दहन भी किया जाएगा फिर 25 मार्च 2024 को रंगो वाली होली खेली जाएगी.
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि ग्रहों के स्वभाव में उग्रता आने के चलते इस दौरान अगर कोई व्यक्ति शुभ कार्य करता भी है या ऐसा कोई फैसला लेता भी है तो वह शांत मन से नहीं ले पता है और यही वजह है कि उनके द्वारा लिए गए फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं या उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि होलाष्टक की इस समय अवधि में उन जातकों को विशेष रूप से सावधानी बरतनी की सलाह दी जाती है जिनकी कुंडली में चंद्रमा नीच के होते हैं या वृश्चिक राशि वाले जातक या फिर चंद्रमा छठे या आठवें भाव में होते हैं. आपकी कुंडली में चंद्रमा की क्या स्थिति है यह जानने के लिए आप अभी हम से परामर्श ले सकते हैं.
भोज दत्त शर्मा , वैदिक ज्योतिष
Astrology By Bhoj Sharma
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च से होगी और फाल्गुन पूर्णिमा यानी 24 मार्च पर यह समाप्त होगी
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