*इस दिन होलिका दहन होगा और इसके अगले दिन यानी 25 मार्च को रंग वाली होली(धुलैंडी ) खेली जाएगी. होलाष्टक के 8 दिन जप, तंत्र, मंत्र साधना और आध्यात्मिक कार्यों के लिए ठीक होते हैं. होलाष्टक के दौरान कुछ खाम काम करना वर्जित माना जाता है*
*होलाष्टक में विवाह करने या विवाह की तारीख निश्चित करना वर्जित है. माना जाता है कि इससे जोड़े के जीवन में अशुभ प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा होलाष्टक में नामकरण और मुंडन संस्कार करना भी अशुभ माना जाता है. होलाष्टक में नामकरण करने से बच्चे पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है*
*गृह प्रवेश या भवन निर्माण शुरू करने के लिए यह होलाष्टक शुभ समय नहीं माना जाता है. होलाष्टक अवधि के दौरान शुरू किया गया कोई भी व्यवसाय ऋण और हानि करा सकता है. होलाष्टक अवधि में ना तो किसी नए काम की शुरुआत करनी चाहिए और न ही किसी जगह नई नौकरी शुरू करनी चाहिए. इससे व्यावसायिक जीवन में तनाव बढ़ता है*
*वाहन, सोना या चांदी जैसे कीमती चीजों की खरीद के लिए भी यह समय अच्छा नहीं माना जाता है. इस समय निवेश करने से बचना चाहिए*
*होलाष्टक में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. इस समय भूमि पूजन, सगाई, गोद भराई, शादी, गृह प्रवेश, 16 संस्कार, यज्ञ, हवन आदि जैसे कार्य करने की मनाही है. होलाष्टक में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने से बचना चाहिए.
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