सूर्य उच्च का होने से व्यक्ति अपने शत्रुओं पर भी विजय पाने की कोशिश करता है और वह काफी हद तक सफल भी होता है. जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह की अच्छी पोजीशन होने पर आपके शत्रुओं का हार का मुंह देखना पड़ सकता है.
मेष राशि में 10 अंश का होने पर यह परम उच्च का हो जाता है. यानी यह बहुत ही अच्छी स्थिति में पहुंचकर अति शुभ हो जाता है. वहीं तुला राशि में 10 अंश का सूर्य नीच का गिना जाता है. इसके अलावा, मेष राशि में सूर्य में 0 से 10 अंश या डिग्री तक मूल त्रिकोण का होता है.
जिन जातकों की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर स्थिति में होता है उसका देवता, गुरु और पिता साथ नहीं देते. 2. जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, ऐसे जातकों का सोना गुम जाता है या चोरी हो जाता है.
किसी जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर होता है, उसे जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उस व्यक्ति विशेष को महत्वपूर्ण पद और राज्य संबंधी सभी कार्य जैसे न्याय, राजदूत, राज्याध्यक्ष आदि पदों और व्यापार आदि में बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. परिवार का साथ नहीं मिलता. व्यापार में हानि होती है.
किसी जातक का सूर्य कमजोर होगा उसे अपने कार्य के स्थान में प्रतिष्ठा नहीं मिलेगी. चाहे वो व्यापार कर रहा या नौकरी.
सूर्य कमज़ोर होगा उनको सुसराल में बदनामी मिलेगी और तिरस्कार होता रहेगा. उन पर झूठे आरोप लगाये जाएंगे.
अपने ही परिवार से कभी साथ नहीं मिलेगा.
शरीर की त्वचा बेजान रूखी रहती है. हार्मोन्स बहुत ज़्यादा बिगड़ जाते हैं और नकारात्मकता घेरने लगती है ,जिस कारण थाइरोइड ,और डिप्रेशन ,सर दर्द और बॉडी बहुत लो प्रतीत व महसूस होती है .
जब सूर्य कमज़ोर होता है तो शनि राहु और केतु जैसे गृह हावी हो जाते हैं ,और ऐसे इंसान पर कुछ भी तंत्र मन्त्र किया कराया जा सकता है और उसका असर बहुत जल्दी और देर तक रहता है .
ऐसे लोग बार बार षड्यंत्र का शिकार बनते है. चोरी की आदत पद जाती है.
आपका करीबी आपसे प्यार से बाते करेगा और उसका ये बाते करने का मकसद सिर्फ और सिर्फ आपके विरुद्ध षड्यंत्र रचना आपके राज उगलवाना होगा वो आपके जाते ही आपकी बुराई शुरू कर देगा.
अधिकारियो या सरकारी लोगो से तिरस्कार मिलने लगता है.
.सूर्य यदि कमजोर हो तो आपके व्यावसायिक जीवन में आपको बार बार दबना पड़ता है .
कोई भी व्यक्ति आपको राज उगलवा के (करीबी बन के) साजिश का शिकार बना देगा.
यदि 39-42 (39 से 42 वर्ष तक) या 49-52 वर्ष तक कोई पर पुरुष या पर स्त्री आपके जीवन में आये तो उससे बच के चलने की जरूरत है उससे दूर रहिएगा .
2.दाहिने हाथ में अंगूठे की जड़ में कोई काला निशान या तिल उभरे तो ध्यान रखियेगा. दाहिने हाथ पर सूर्य पर्वत पर कोई तिल आ जाये या काला निशान पड़ जाये तो ध्यान रखियेगा ये पिता को कष्ट का भी द्योतक है और आंखों को भी कष्ट का द्योतक है .
3.चन्द्र पर्वत पर यदि धब्बे उभर आते है ये भी इस बात को दिखायेगा की आपके व्यापार में नौकरी में प्रतिष्ठा जाने का योग बन रहा है .
4.सूर्य रेखा अथवा भाग्य रेखा पर पैरेलल रेखाए उभर आये तो तो भी ये अच्छा संकेत नहीं होता ,यह इस बात का संकेत है की नौकरी बदलनी पड़ेगी या व्यापार बदलने का समय आ गया है.
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