क्या है नवरात्रि में जौ बोने का महत्व और शुभ-अशुभ संकेत?

क्या है नवरात्रि में जौ बोने का महत्व और शुभ-अशुभ संकेत?

प्रेषित समय :20:34:17 PM / Tue, Apr 9th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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चाहे चैत्र नवरात्रि हो, चाहे शारदीय नवरात्रि हो, या फिर गुप्त नवरात्रि, हिन्दू धर्म में नवरात्रि पर ज्वारे या जौ का बहुत अधिक महत्व माना गया है. नवरात्रि के पहले दिन ही घट स्थापना के साथ जौ बोए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जौ के बिना मां दुर्गा की पूजा अधूरी होती है. कलश स्थापना के साथ मिट्टी के बर्तन में जौ बो दिए जाते हैं. यह परंपरा, हिन्दू धर्म में बहुत समय से चली आ रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि घट स्थापना से पहले जौ बोने का क्या महत्व है? आइए जानते हैं कि क्या होती है जौ और इन्हें क्यों उगाया जाता है?
क्या होती है जौ?
कई लोग जौ को ज्वारे भी कहते हैं. नवरात्रि के समय मंदिरों, घरों और पूजा पंडालों में मिट्टी के बर्तनों में ज्वारे को बो दिया जाता है और प्रतिदिन मां दुर्गा की पूजा-आराधना से पहले इनमें नियमित रूप से जल अर्पित किया जाता है. धीरे-धीरे ये अंकुरित होकर बढ़ने लगते हैं और कुछ दिनों में हरी-भरी फसल की तरह दिखाई देने लगते हैं. नवरात्रि के समापन पर इनको पूरे विधि-विधान के साथ किसी नदी या तालाब में प्रवाहित कर दिया जाता है.
क्यों उगाई जाती है जौ?
हिन्दू धर्म में जौ को देवी अन्नपूर्णा का प्रतीक माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान ब्रह्मा ने इस सृष्टि की स्थापना की, तब वनस्पतियों में जो पहली फसल विकसित हुई थी, वह “जौ” थी. इसी कारण से नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना के साथ पूरे विधि-विधान से जौ बोई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जौ को भगवान ब्रह्मा का प्रतीक माना जाता है. इसीलिए, घट स्थापना के समय नवरात्रों में जौ की सबसे पहले पूजा की जाती है और उसमें कलश भी स्थापित किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में जौ बोने से देवी भगवती प्रसन्न होती हैं और देवी दुर्गा के साथ-साथ देवी अन्नपूर्णा और भगवान ब्रह्मा का भी आशीर्वाद मिलता है. जौ बोने की प्रथा कई सालों से चली आ रही है. इसे मिट्टी के पात्र में नवरात्रि के पहले दिन बोया जाता है. मान्यता है कि जैसे-जैसे जौ उगती है, घर में सुख-समृद्धि आने लगती है. 
जौ के शुभ संकेत 
ऐसा माना जाता है कि अगर विधिपूर्वक जौ बोई जाए तो इसके शुभ संकेत मिलते हैं. कहते हैं कि अगर जौ, नवरात्रि की शुरुआत में ही अंकुरित होने लगें तो यह शुभ संकेत माना जाता है. और अगर जौ, सफेद या हरे रंग में उगे तो यह सुख-सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होने का इशारा माना जाता है.
जौ के अशुभ संकेत 
नवरात्रि के नौ दिनों में भी जौ अगर न उगें या पीली पड़ जाएं तो कहते हैं कि यह आने वाले समय में किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है. 
नवरात्रि में जौ बोने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दिया जाता है. पूरे विधि-विधान के साथ भक्त यह आस लगाते हैं कि जौ के साथ-साथ उनके घर में भी सुख और संपत्ति की अच्छी फसल उगे. लेकिन भक्तों को इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए कि जौ बोने के लिए जिस मिट्टी का प्रयोग वे करें, वह पवित्र हो.
*निर्मल श्री हरिचरण अनुरागी*
Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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