नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आम लोगों को महंगाई के मोर्चे पर राहत मिली है. दरअसल, देश की खुदरा महंगाई दर मार्च में घटकर 5 महीने के निचले स्तर 4.85 फीसदी पर आ गई. इससे एक महीना पहले फरवरी में खुदरा महंगाई दर 5.09 फीसदी थी. मंगलवार (12 मार्च) को नेशनल स्टैटिकल ऑफिस (एनएसओ) की ओर से जारी आधिकारिक डेटा में यह जानकारी दी गई.
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई फरवरी में 5.09 फीसदी थी जबकि मार्च, 2023 में यह 5.66 फीसदी पर रही थी, मार्च में खुदरा महंगाई 5 महीनों के निचले स्तर पर रही है. इसके पहले अक्टूबर, 2023 में यह 4.87 फीसदी रही थी.
खाद्य पदार्थों की महंगाई दर में भी गिरावट
एनएसओ के डेटा के मुताबिक, मार्च में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 8.52 फीसदी रही जबकि एक महीने पहले फरवरी में यह 8.66 फीसदी थी.
सीपीआई के टारगेट के दायरे में महंगाई
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) आधारित महंगाई आरबीआई के टारगेट के दायरे में है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को खुदरा महंगाई 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. आरबीआई की एमपीसी नीतिगत दरों पर फैसला करते हुए खुदरा महंगाई के डेटा को ही ध्यान में रखती है.
एफवाई 25 के लिए खुदरा महंगाई 4.5 फीसदी रहने का अनुमान
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (एफवाई25) के लिए खुदरा महंगाई 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. आरबीआई ने अप्रैल-जून तिमाही में खुदरा महंगाई 4.9 फीसदी और सितंबर तिमाही में 3.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सोने और चांदी के भाव आसमान पर, फिर बनाया महंगाई का रिकार्ड
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