बेंगलुरु. रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले की जांच से पता चला है कि आतंकवादियों की योजना बेंगलुरु शहर के टेक कॉरिडोर में एक आईटी पार्क के परिसर में बम विस्फोट करने की थी. गिरफ्तार आरोपियों ने कबूल किया है कि कड़ी सुरक्षा के कारण वे आईटी पार्क के परिसर में बम नहीं रख सके. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हाल ही में कोलकाता में मामले के संदिग्ध हमलावर मुसाविर हुसैन शाजिब और मास्टरमाइंड अब्दुल मथीन ताहा को गिरफ्तार किया था.
सूत्रों ने कहा कि संदिग्ध आतकी देश की आईटी राजधानी कहे जाने वाले बेंगलुरु की छवि को नुकसान पहुंचाने और अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने के लिए शुरुआत में व्हाइटफील्ड आईटी कॉरिडोर में एक आईटी पार्क को निशाना बनाना चाहते थे. बेंगलुरु में सबसे प्रतिष्ठित और सबसे पुराने इंटरनेशनल टेक पार्क बेंगलुरु (आईटीपीबी) परिसर में स्थित व्हाइटफील्ड में हजारों सॉफ्टवेयर पेशेवर काम करते हैं. इसे भारत की आईटी सफलता की कहानी का प्रतीक माना जाता है.
इस क्षेत्र में कई और आईटी कंपनियां व आईटी पार्क स्थित हैं. लेकिन कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के चलते आतंकवादी उनमें से किसी में भी बम नहीं रख सके. सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने देश के प्रमुख शहरों के विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में बम रखनेे के लिए भी रैकी किया था. आरोपी तकनीकी विशेषज्ञों को निशाना बनाकर सॉफ्टवेयर पेशेवरों में आतंक पैदा करना चाहते थे.
आईटी पार्कों के अंदर घुसने में नाकाम रहने के बाद, आरोपियों ने तकनीकी विशेषज्ञों को निशाना बनाने की योजना पर काम किया. उनका ध्यान रामेश्वरम कैफे की ओर गया, क्योंकि यह व्हाइटफील्ड में टेक कॉरिडोर ब्रुकफील्ड इलाके में स्थित है. रामेश्वरम कैफे में राम नाम ने भी उनका ध्यान खींचा और यह कैफे को निशाना बनाने का एक कारण था. सूत्रों ने बताया कि बड़ी संख्या में तकनीकी विशेषज्ञ कैफे में आते हैं. आरोपी मुसाविर ने एक मार्च को कैफे का दौरा किया था और परिसर में कम तीव्रता वाला इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगाया था. विस्फोट में कई कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए.
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