रामनवमी के मौके पर अयोध्या में धूम, सूर्य तिलक को देखने के लिए उमड़ा जनसैलाब

रामनवमी के मौके पर अयोध्या में धूम, सूर्य तिलक को देखने के लिए उमड़ा जनसैलाब

प्रेषित समय :08:51:43 AM / Wed, Apr 17th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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अयोध्या। राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या में पहली बार रामनवमी मनाई जा रही है. अयोध्या नगरी में रामनवमी की धूम है. देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. ऐसे में दर्शन की सुविधा को लेकर खास व्यवस्था की गई है. पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया है. साथ ही दर्शन का समय भी बढ़ाया गया है. वहीं आज सबकी नजर सूर्य तिलक पर बनी हुई है. दोपहर में 12 बजकर 16 मिनट पर सूर्य तिलक होगा, जो कि करीब चार मिनट तक रहेगा.

प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव रामनगरी में आज धूमधाम से मानाया जा रहा है. पूरे परिसर को खूबसूरत लाइटिंग के साथ फूलों से सजाया गया है. श्रद्धालुओं की सुविधाओं का खास ख्याल रखा गया है. जूता-चप्पल रखने के साथ पीने के पानी की खास व्यवस्था की गई है. शुद्ध पेयजल के लिए श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पर व्यवस्था की गई है. ऐसा बताया जा रहा है कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर दर्शन के लिए पहुंंचने वाले हैं. दोपहर 12:00 बजे रामलला का धूमधाम से जन्मोत्सव मानाया जाएगा. रामलला  के जन्मोत्सव को लेकर सूर्य देव भगवान राम का तिलक करने वाले हैं. 

प्रशासन ने सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया है. जगह-जगह बैरियर लगाकर श्रद्धालुओं को कतार में दर्शन कराए जाने की व्यवस्था की गई है. दो पहिया और चार पहिया वाहनों के संचालन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है. दर्शन का समय बढ़ाकर 19 घंटे कर दिया गया है, जो मंगला आरती से प्रारंभ होकर रात्रि 11 बजे तक चलेगा. चार बार लगने वाले भोग के लिए केवल पांच-पांच मिनट के लिए ही पर्दा बंद होगा. श्री राम जन्मोत्सव का प्रसारण अयोध्या नगरी में लगभग सौ बड़ी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से किया जाएगा. न्यास के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी लाइव प्रसारण होगा.

ऐसे बनेगा सूर्य तिलक- रामनवमी के मौके पर सूर्य तिलक को वैज्ञानिक प्रक्रिया से तैयार किया जाएगा. सूर्य की रोशनी तीसरे तल पर लगे एक दर्पण पर पड़ेगी. ये यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में प्रवेश करेगी. पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण में टकराकर 90 डिग्री ये परावर्तित होगी. किरणे पीतल की पाइप से होते हुए तीन अलग-अलग लेंस से होकर गुजरेगी. गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के ललाट पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक बनाएगी.  
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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