अभिमनोज. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू हो रही है.
इस वक्त नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एनडीए की सरकर है, एनडीए की सरकार बनाने में तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार का बहुत बड़ा योगदान है, क्योंकि देश में एनडीए की कुल सीटों में से तकरीबन आधी सीटें यहीं से हैं?
एनडीए के पास 2019 में इन तीन राज्यों से करीब 150 सीटें थी, उत्तर प्रदेश की 80 महाराष्ट्र की 48 और बिहार की 40 सीटों में से एनडीए के पास में 2019 में 150 के करीब सीटें थी, लेकिन अभी हालात बदल चूके हैं.
जहां बिहार, महाराष्ट्र में सीटें कम होने के संकेत है, वहीं उत्तर प्रदेश में एनडीए की स्थिति अच्छी है, इसलिए वहां सीटें शायद कम ना हों, लेकिन वहां भी सीटें बढ़ना तो मुश्किल है.
यदि इन तीन राज्यों में एनडीए की सीटें घटकर 100 से नीचे चली गई, तो ना केवल बीजेपी एकल बहुमत खो देगी बल्कि एनडीए के लिए बहुमत जुटना भी मुश्किल हो जाएगा?
जब-जब भी देश की सियासत में बड़े परिवर्तन हुए हैं, उसकी शुरुआत बिहार से हुई है और इस बार भी बिहार में एनडीए के लिए अच्छे संकेत नहीं है!
जिस तरह से तेजस्वी यादव की सभाएं हो रही है, एनडीए के सामने अपने 2019 की सीटें बचाना बड़ी चुनौती है.
उधर, महाराष्ट्र में सारा सियासी समीकरण बदल चुका है, वहां दो दो शिवसेना हैं, दो दो एनसीपी हैं, ऐसी हालात में असली-नकली का झगड़ा एनडीए को कितना नुकसान पहुंचाता है, यह बेहद महत्वपूर्ण है.
उत्तर प्रदेश में श्रीराम मंदिर निर्माण का बीजेपी को बड़ा फायदा मिलेगा, उसके 2019 में जुड़े वोट और मजबूती से जुड़ जाएंगे, लेकिन.... मायावती की सियासी उदासीनता के कारण उत्तर प्रदेश में त्रिकोणात्मक संघर्ष के बजाय एनडीए और इंडिया के बीच सीधी टक्कर की संभावना ज्यादा है?
यदि ऐसा हुआ तो उत्तर प्रदेश में भी एनडीए के लिए अपने 2019 की सीटें बचाना मुश्किल होगा?
इस हिसाब से देखें तो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार की सीटें ही दिल्ली की सत्ता तय करेेंगी!
#LokSabaElection2024 सर्वे भी नहीं ले जा पा रहे एनडीए को 400 पार, काहे?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-लता मंगेशकर की भतीजी रचना शाह और रिदम वाघोलिकर ने मोदी को एक भावपूर्ण गीत समर्पित किया
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