अभिमनोज. भ्रामक विज्ञापन मामले में न केवल बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी है, बल्कि पतंजलि प्रकरण से अन्य लोगों को भी सबक लेना चाहिए.
अपने व्यापार के विस्तार के लिए बढ़चढ़ कर दावे करना और अन्य प्रॉडक्ट को बदनाम करना किसी को भी भारी पड़ सकता है, लिहाजा.... बड़ा सवाल यह है कि- क्या पंतजलि प्रकरण से बाबा रामदेव और अन्य लोग सबक लेंगे?
खबर है कि.... बाबा रामदेव की पंतजलि आयुर्वेद को एक और बड़ा झटका लगा है, उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ एक्शन लेते हुए 14 उत्पादों के निर्माण का लाइसेंस रद्द कर दिया है, जिन प्रॉडक्ट के लाइसेंस रद्द किए हैं, उनमें हाई बीपी, शुगर, हाई कॉलेस्ट्रोल जैसी बीमारियों की कई दवाएं शामिल हैं.
खबरों की मानें तो.... उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए हलफनामे में यह जानकारी दी है कि- पतंजलि आयुर्वेद प्रोडक्ट के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के कारण कंपनी के लाइसेंस को रोका गया है.
उल्लेखनीय है कि.... उत्तराखंड सरकार की ओर से बाबा रामदेव की जिन औषधियों के निर्माण पर रोक लगाई गई है, उनमें थायराइड, ब्लड प्रेशर, शुगर, आई ड्रॉप, खांसी जैसी बीमारियों के इलाज में काम में आनेवाली दवाएं शामिल हैं. उत्तराखंड सरकार ने इन सभी दवाइयों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है, साथ ही इनके निर्माण के लिए दिया गया लाइसेंस भी रद्द कर दिया है.
हर व्यापारी को यह अधिकार है कि वह अपने प्रोडक्ट की उपयोगिता की जानकारी दे, लेकिन साथ ही उसका यह कर्तव्य भी है कि जनता को भ्रामक जानकारी नहीं दे तथा अन्य प्रोडक्ट वालों को बदनाम नहीं करे!
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