मुंबई. योगगुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. विज्ञापन मामले के बाद अब जीएसटी विभाग ने रामदेव की टेंशन बढ़ा दी है. पतंजलि फूड्स को त्रस्ञ्ज विभाग से नोटिस मिला है, जिसमें करोड़ों रुपये के टैक्स क्रेडिट को लेकर सवाल पूछे गए हैं.
पतंजलि फूड्स को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) आसूचना विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजकर कंपनी से यह बताने को कहा है कि उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए. कंपनी द्वारा 26 अप्रैल को नियामक में जमा कराए गए विवरण के अनुसार, योग गुरु रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी को जीएसटी आसूचना महानिदेशालय, चंडीगढ़ जोनल यूनिट से नोटिस मिला है. यह कंपनी मुख्य रूप से खाद्य तेल व्यवसाय में है.
कंपनी ने कहा, कंपनी को एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है. कंपनी, उसके अधिकारियों और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं को कारण बताने के लिए कहा गया है कि 27,46,14,343 रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट राशि (ब्याज सहित) क्यों नहीं वसूली जानी चाहिए, और क्यों जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए. विभाग ने एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) अधिनियम, 2017 की धारा 20 के साथ पठित केंद्रीय माल एवं सेवा अधिनियम, 2017 और उत्तराखंड राज्य माल एवं सेवा अधिनियम, 2017 की धारा 74 और अन्य लागू प्रावधानों का हवाला देते हुए नोटिस दिया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पतंजलि भ्रांतिकारी विज्ञापन मामले : बाबा रामदेव, बालकृष्णा ने मांगी 'जनता' से माफ़ी
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