पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर शमीम कबाड़ी का खजरी-खिरिया स्थित कबाड़ गोदाम आज तड़के एक बार बारुद के विस्फोट से दहल गया, हालांकि यह विस्फोट बम निरोधक दस्ते द्वारा बमों को नष्ट करते वक्त हुआ है. इस दौरान एनएसजी की टीम के अधिकारी भी मौजूद रहे. यहां पर रखे करीब डेढ़ सौ बमों के बारुद को नष्ट करने का सिलसिला दोपहर 12 बजे तक चलता रहा. जिससे खजरी-खिरिया क्षेत्र में धमाकों की आवाज सुनी गई.
बताया गया है कि बमों को नष्ट करने से पहले आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से घरों से दूर कर दिया गया था, इसके बाद जब बमों को नष्ट करने का काम शुरु हुआ तो चारों ओर धमाके सुनाई देने लगे. आसमान में एक बार फिर काला धुआं उठने लगा. बमों को नष्ट करने के पहले गोदाम में ही एक गहरा गड्ढा कराया गया, जिसमें बमों के स्कैप व बमों को भरा गया, इसके बाद रेत की बोरियां सहित अन्य वजनदार सामान रखकर पूरी सावधानी के साथ नष्ट करने का काम किया गया. बमों को नष्ट करने के साथ ही एक सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि आखिर शमीम कबाड़ी द्वारा इतना सारा विस्फोट अपने गोदाम में क्यो रखा गया था आखिर इसके पीछे शमीम कबाड़ी की मंशा क्या थी. आखिर वह इस बारुद से क्या करना चाहता था.
हालांकि मामले में एनआईए, एनएसजी, इंटेलीजेंस ब्यूरी, सेना व पुलिस द्वारा अपने अपने एंगल से जांच की जा रही है. वहीं दूसरी ओर एसआईटी के अधिकारियों द्वारा शमीम को पकडऩे के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है. इसके अलावा पुलिस रिमांड पर शमीम कबाड़ी के बेटे फहीम व पार्टनर सुल्तान ने पूछताछ में अहम खुलासे किए है. फहीम ने यह भी बताया कि वह आयुध निर्माणी खमरिया व बैतूल स्थित आमला एयरफोर्स से बमों के स्कै्रप खरीदते रहे, इसके बाद एनआईए के अधिकारियों ने एयरफोर्स के अधिकारियों से संपर्क करना शुरु कर दिया है. ताकि यह पता चल सके कि शमीम कबाड़ी ने यहां से स्क्रेप कब खरीदा था. इधर शमीम कबाड़ी का बेटा फहीम व पार्टनर सुल्तान की रिमांड आज खत्म हो रही है, जिन्हे कोर्ट में पेश किया गया है.
बमों के खोल से बारुद निकालने का काम होता था-
जांच एजेंसियो को यह जानकारी मिली कि शमीम कबाड़ी के गोदाम में स्क्रेप में लाए गए बमों के खोल से बारुद निकालने का काम अलग से किया जाता था. लेकिन निकाला गया बारुद कहां रखा जाता था इस बात की जानकारी अभी तक नहीं लग पाई है. जब तक शमीम कबाड़ी पकड़ा नहीं जाता है उस वक्त तक यह मामला पहेली ही बने रहने की संभावना है. हालांकि जांच में यह बात तो सामने आई है कि बमों के सेल 6 से 7 साल पुराने है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर: सड़क पर फेंक दी गई एक्सपायरी डेट की हजारों टेबलेट, पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम..!
जबलपुर: हत्या की नियत से भाजपा नेता पर चाकुओं से हमला, गर्दन के आरपार हुआ चाकू..!
MP: जबलपुर सहित पांच जिलों में ओले गिरने का अलर्ट जारी, दो दिन बारिश के बाद फिर बढ़ेगी तपिश