पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के गोटेगांव जिला नरसिंहपुर स्थित केनरा बैंक के चार अधिकारियों ने फर्जी कंपनी बनाकर अपने रिश्तेदारों को तीन करोड़ रुपए बांट दिए. इस मामले की शिकायत मिलने पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों की जबलपुर ईकाई द्वारा बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक मणिराज पटेल, प्रबंधक गिरीश कुं भारे, प्रोबेशनरी अधिकारी राहुल लोखारे व सुनील कुमार दुबे के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.
EOW के अधिकारियों के अनुसार केनरा बैंक के जबलपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के असिस्टेंट मैनेजर गणेश चंद्र सरकार ने बैंक के लेजर की जाचं की तो उन्हे भारी अनियमितताएं मिली, इसके बाद गणेशचंद्र सरकार ने EOW की जबलपुर ईकाई में लिखित शिकायत की. शिकायत की जांच करने पर EOW के अधिकारियों ने पाया कि केनरा बैंक के चारों ही अधिकारियों ने आपसी सांठगांठ करते हुए 2020-21 में स्वीकृति और वितरण उधम एंटरप्राइजेज को कर दिया, जबकि जांच में यह कंपनी डिफाल्टर निकली.
अधिकारियों ने जब मौके पर पहुंचकर जांच की तो पाया कि इस नाम की कोई कंपनी ही नही है. इस तरह का एक ममला मेसर्स पटेल ट्रेडर्स मामले में भी यही हुआ. बैंक के चारों अधिकारियों ने 2 करोड़ 97 लाख रुपए का लोन अपने रिश्तेदारों व करीबी कर्मचारिों के खाते में ट्रांसफर कदया, यहां तक कि इन्होने न ही डेविड स्लिप में ग्राहक के हस्ताक्षर कराए, ना ही चेक से लेनदेन किया. खाता खोलने के फार्म में भी ग्राहक के हस्ताक्षर नहीं थे. चारों बैंक अधिकारियों ने एनईएफटी व डीडी के कारण लोन का रुपया सीधे उनके बचत खाते में स्थानान्तरित कर दिया. ईओडब्ल्यू की जबलपुर ईकाई ने इस फर्जी की शिकायत मिलने के बाद प्रकरण् की जांच शुरु कर दी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर रेल मंडल में सुनील टेलर ने अपर मंडल रेल प्रबंधक का पदभार संभाला
जबलपुर: कबाडख़ाने में पुलिस का छापा: एक हजार किलो से अधिक बिजली की तार बरामद
जबलपुर: देवकीनंदन ठाकुर बोले, हिन्दू पैदा करें 5-5 बच्चे, देश में वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड बने