नई दिल्ली. राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में लगी आग मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. रविवार को हाई कोर्ट की विशेष पीठ के समक्ष सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने कहा कि यह मानव निर्मित आपदा है. अहमदाबाद में सिंधु भवन रोड, सरदार पटेल रिंग रोड और एसजी हाईवे पर गेमिंग जोन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा है. अदालत ने कहा कि गेमिंग जोन के निर्माण और संचालन के लिए नियमित और उचित नियमों का पालन नहीं किया गया. हाईकोर्ट ने मासूम बच्चों की जान जाने का न्यायिक संज्ञान लिया.
कोर्ट ने पूरे मामले पर स्वत: संज्ञान लिया और स्वत: संज्ञान याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट समेत निगम से स्पष्टीकरण मांगा. निगम को यह बताना होगा कि कानून के किस प्रावधान के तहत इस गेमिंग जोन को संचालित करने की अनुमति दी गयी है. हाईकोर्ट का एक दिन में खुलासा करने का निर्देश दिया है. अदालत ने अग्नि सुरक्षा नियमों के अनुपालन के संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा है. आगे की सुनवाई कल यानी सोमवार को होगी.
हादसे में 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत
राजकोट अग्निकांड में 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई है. मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है. एसआईटी की टीम को 72 घंटे के अंदर सरकार को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है. गेम जोन में आग कैसे और क्यों लगी, इसकी जांच की जा रही है. पुलिस ने इस मामले में गेमिंग जोन के मैनेजर और मालिक को गिरफ्तार कर लिया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात: राजकोट हाईवे पर भीषण सड़क हादसा, मरीज को ले जा रही एंबुलेंस ट्रक से टकराई, 3 की मौत
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