जब हम बीज मंत्र करना शुरू करते है तब हमे कुछ अनुभूतिया होती है जैसे आँखों में आंसू आना या आंखे नम हो जाना या फिर उबासी आना या ऐसा भी होता है की नींद सी आने लगती है कभी कभी तो ऐसा लगता है जैसे शरीर पर चीटिया चल रही हो या फिर शरीर में झनझनाहट होती है जैसे वाइब्रेशन हो रहे हो यह सब स्वाभाविक बाते है जो होती है क्योकि उस समय नकारात्मक ऊर्जा शरीर से बाहर निकलती है या मंत्रो की सकारात्मक शक्ति का विरोध करती है पर धीरे धीरे यह सब होना बंद हो जाता है और हमारा मन भी मंत्रो में लगता है और मंत्रो का सकारात्मक परिणाम हमारे जीवन में दिखने लगता है.
अगर आप किसी भी देव के बीज मंत्र को करते हैं तो वह ग्रह हंड्रेड परसेंट पावरफुल हो जाएगा और उस ग्रह के आपको सकारात्मक रिजल्ट ही मिलेंगे भले वह ग्रह आपकी कुंडली में योगकारक हो या फिर मारक हो क्योंकि हमारे शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा जी ने बाध्य किया है नौ ग्रहों को कि अगर कोई आपके बीज मंत्र का जाप करता है ,आपको नमन करता है तो उन्हें आप पोजिटिव ही रिजल्ट देंगे
किसी भी देवता के बीज मंत्र करने की विधि
1.बीज मंत्र आप कहीं भी कर सकते हैं जरूरी नहीं है कि आप घर के मंदिर में बैठकर ही बीज मंत्र का जाप करें
2.बीज मंत्र आप बैठ कर करें और किसी आसन पर बैठकर बीज मंत्र का जाप करें
3.बीज मंत्र करते समय आपका मुख उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में होना चाहिए
हो सके तो बीज मंत्र करते समय एक दीपक जलाएं
किसी भी देवता के बीज मंत्र का जाप आपको 1 दिन में 108 बार ही करना है ऐसे आप कितने भी देवताओं के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं
शनि देव और राहु देव के बीज मंत्र शाम 6 बजे बात करने से ज्यादा अच्छे रिजल्ट मिलते हैं और बाकी सभी ग्रहों के बीज मंत्र दिन में कभी भी कर सकते हैं शाम 6:00 बजे से पहले
बीज मंत्र का जाप आप रुद्राक्ष की माला से कर सकते हैं रुद्राक्ष की माला ही एक ऐसी माला है जिससे आप किसी भी देवता के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं
जिस देवता के बीज मंत्र का आप जाप कर रहे हैं उसे उसके वार से शुरू करें,,, जैसे सूर्य देव का रविवार से चंद्र देव का सोमवार से बृहस्पति देव का गुरुवार से मंगल देव का मंगलवार से राहु देव और केतु देव का शनिवार से इस तरह
जब आप बीज मंत्र का जाप कर रहे हैं तो अपने पास एक गिलास या लौटे में पानी जरूर रखें और उस दिन के बीज मंत्र करने के बाद उस जल को आप ग्रहण( जल को पीना है) करें
सभी ग्रहों के बीज मंत्र
ॐ ब्रह्म बृहस्पतए नमः – गुरु( बृह.)
ॐ घृणि: सूर्याय नमः – सूर्य देव
ॐ बू° बुधाय नमः – बुद्धदेव
ॐ सोम सोमाय नमः – चंद्रदेव
ॐ शु° शुक्राय नमः – शुक्र देव
ॐ शं शनैश्चराय नमः – शनि देव
ॐ अं अंगारकाय नमः – मंगल देव
ॐ रा° राहवे नमः – राहु देव
ॐ के° केतवे नमः – केतु
कुंडली में मंगल योग है तो घबराने की जरुरत नहीं!
आपकी जन्म कुंडली में राजयोग है या नहीं
भारत और पीएम नरेंद्र मोदी की कुंडली से शुभ समय प्रारम्भ
कलयुग में हर तरफ राहु ही राहु, कुंडली में इस ग्रह को शुभ कैसे करें