पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी हाईकोर्ट ने भारतीय रेल व स्टील अर्थारटी इंडिया (सेल) के बीच 34 साल से 9 हजार रुपए के लिए चले रहे विवाद का आज पटाक्षेप कर दिया. हाईकोर्ट ने रेलवे की याचिका को खारिज करते हुए निर्देश दिए है कि स्टील अर्थारटी इंडिया लिमिटेड को रेलवे द्वारा ब्याज सहित माल की राशि का भुगतान किया जाए.
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान रेल दावा अधिकरण की ओर से वर्ष 2001 में पारित आदेश को न्यायोचित करार दिया. रेल दावा अधिकरण की ओर से जारी किए गए आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसे सुनवाई के दौरान जस्टिस एके सिंह की बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया. गौरतलब है कि मई 1990 में एक वैगन आयरन दुर्गापुर प्लांट से लक्ष्मी नगर तक के लिए बुक किया गया था. स्टील अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड ने माल कम बताकर स्टेशन मास्टर से तौल करने को कहा. सेल ने रेलवे के अधिकारियों से भी संपर्क किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
इसके बाद स्टील अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड अपने माल को ले गया. बाद में 2.5 टन माल कम बताते हुए रेलवे दावा अधिकरण में प्रकरण को दायर किया. 2001 में अधिकरण ने सेवा में कमी पाते हुए 9199 रुपए 9 प्रति वार्षिक ब्याज की दर के साथ दिए जाने के रेलवे को आदेश दिए. भारतीय रेल ने रेलवे दावा अधिकरण की ओर से हर्जाना दिए जाने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. 34 साल से चली आ रही दो बड़े विभागों की लड़ाई का हाईकोर्ट ने पटाक्षेप करते हुए रेलवे को ब्याज सहित राशि भुगतान करने के निर्देश देते हुए याचिका को खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने कहा है कि स्टील अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड को ब्याज सहित माल की राशि का भुगतान किया जाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी में 3 दिन होगी ताबड़तोड़ प्री-मानसून बारिश, आईएमडी ने जारी किया येलो अलर्ट
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