नई दिल्ली. नीट व यूजीसी नेट की पर्रीक्षा रद्द होने के कारण अब कांग्रेस उग्र हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने दावा किया कि कहा जा रहा था कि नरेन्द्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध रोक दिया. लेकिन कुछ कारणों से नरेंद्र मोदी भारत में पेपर लीक को नहीं रोक पाए हैं या रोकना नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पेपर लीक होने का कारण यह है कि शिक्षा व्यवस्था पर भाजपा की मातृ संस्था का कब्जा हो गया है. जब तक इसे उलटा नहीं किया जाएगा पेपर लीक होते रहेंगे. मोदी ने इस कब्जे को आसान बना दिया है. यह एक राष्ट्रविरोधी गतिविधि है.
राहुल गांधी ने आगे कहा कि कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारी सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा कर लिया गया है. हमारे कुलपतियों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर नहीं की जाती है. बल्कि इसलिए क्योंकि वे एक खास संगठन से जुड़े हैं. इस संगठन-भाजपा ने हमारी शिक्षा व्यवस्था में घुसकर उसे नष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी से अर्थव्यवस्था का जो हाल किया. वही अब शिक्षा व्यवस्था का किया है. एक स्वतंत्रए उद्देश्यपूर्ण शिक्षा प्रणाली को ध्वस्त कर दिया गया है. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जो लोग यहां दोषी हैं उन्हें कानून के दायरे में लाया जाए और उन्हें दंडित किया जाए. राहुल गांधी ने कहा कि इस मुद्दे को सदन में उठाया जाएगा,
पांच साल 43 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए-
कांग्रेस ने दावा किया है कि देश में पिछले 5 वर्षो में 43 भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक हुए है. इन पेपर लीक का सीधा असर 1.75 करोड़ अभ्यर्थियों पर पड़ा है. राहुल ने कहा कि इन मामलों में उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है. अगर वे क्लीन चिट देते हैं तो इसका कोई मतलब नहीं है, उनकी विश्वसनीयता शून्य है. सभी जानते हैं कि भूकंप का केंद्र मध्य प्रदेश, गुजरात व उत्तर प्रदेश हैं. उन्होंने कहा कि अब लोगों को यह स्पष्ट हो गया है कि हम एक आपदा पर बैठे हैं. हमारे पास एक ऐसी सरकार है जो पंगु है. यह एक गहरा राष्ट्रीय संकट है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली-नोएडा में भीषण गर्मी से मचा हाहाकार, 19 लोगों की मौत, अलग-अलग जगहों से बरामद हुए शव
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