जबलपुर. शादी के 11 साल होने के बाद भी पत्नी ने पति को हाथ तक नहीं लगाने दिया इतना ही नहीं पत्नी ने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की शिकायत करते हुए पुलिस में केस दर्ज करवा दिया. पीडि़त पति ने इस मामले में प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय सतना में अपील दायर कर तलाक की मांग की. जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय ने पति को पत्नी से तलाक की अनुमति दे दी. पत्नी ने पति के द्वारा दिए गए तलाक को हाईकोर्ट में चुनौती दी.
मामले पर एक्टिंग चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अमरनाथ केशरवानी डिवीजन बेंच ने प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय के आदेश को बरकरार रखते हुए पत्नी के द्वारा लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया. दर्शल सीधी निवासी युवती की शादी सतना जिले के रहने वाले युवक से माई 2013 में हुई थी. शादी के तीसरे दिन ही पत्नी मायके गई तो फिर वापस नहीं आई, उल्टा युवती ने पति सहित परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करवा दिया. इसके बाद युवक ने पत्नी से तलाक को लेकर सतना में न्यायाधीश परिवार न्यायालय में अपील दायर की और तलाक मांगा.
युवक ने बताया कि पत्नी ने पहली रात से ही संबंध स्थापित करने से इनकार कर दिया था. और यह कहा था कि वह उसे पसंद नहीं है. माता-पिता के दबाव में आकर ही उसने शादी की थी. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने माना कि पत्नी ने जिस तरह से पति पर आरोप लगाए थे, साथ ही साथ परिवार न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी, यह सही नहीं है. शादी के बाद पति के साथ इस तरह से व्यवहार करना क्रूरता की श्रेणी में आता है, लिहाजा पत्नी के द्वारा लगाई गई याचिका को खारिज किया जा रहा है. ऐसे में प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय की ओर से तलाक के आदेश को बरकरार रखा जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी हाईकोर्ट ने प्रेंग्नेंसी बाइबल पर करीना कपूर को जारी किया नोटिस, किताब को बताया तीसरा बच्चा
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