एमपी हाईकोर्ट में नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े पर सुनवाई, सीलबंद लिफाफे में सीबीआई ने जांच रिपोर्ट पेश की

एमपी हाईकोर्ट में नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े पर सुनवाई, सीलबंद लिफाफे में सीबीआई ने जांच रिपोर्ट पेश की

प्रेषित समय :18:00:07 PM / Thu, Jan 4th, 2024
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पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी में नर्सिंग कालेज मान्यता फर्जीवाड़ा के मामले में आज सीबीआई ने अपनी अंतरिम जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की.  सुनवाई के दौरान सीबीआई ने प्रदेश के 254 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में पेश की है. जिसे हाई कोर्ट ने आज रिकॉर्ड पर ले लिया है. जांच के लिए बाकी बचे 50 नर्सिंग कॉलेजों की जांच के लिए सीबीआई ने हाईकोर्ट से 1 माह का वक्त मांगा था, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया है और छात्रों के भविष्य को देखते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई को 15 दिनों में जांच पूरी करने के निर्देश दिए है. हाईकोर्ट ने 17 जनवरी को मामले पर अगली सुनवाई तय की है.

मध्यप्रदेश में मान्यता शर्तों व नियम मापदंडों का उल्लंघन कर संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी. मध्य प्रदेश चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बैंच ने इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नर्सिंग कॉलेजों की जांच के निर्देश दिए थे. मध्यप्रदेश में हुए नर्सिंग कॉलेज की मान्यता में हुए फर्जीवाड़े के मामले ने उस वक्त जोर पकड़ा था जब कोरोना में आवश्यकता पडऩे पर कागजों में चल रहे का कॉलेज व अस्पताल से सरकार मरीजों को बेड मुहैया नहीं कर पाए थे. मामले में लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया गया था कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज बगैर मापदंड बगैर संसाधन व फैकल्टी के संचालित हो रहे हैं. एसोसियेशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की याचिका पर कोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए नर्सिंग काउंसिल की तत्कालीन रजिस्टर सुनीता सीजू पर भी कार्यवाही के आदेश दिए थे. कोर्ट के ही निर्देश पर काउंसिल में प्रशासक तैनात किया गया था. इसके अलावा हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच में चल रही एक अन्य याचिका पर हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. वर्तमान में सभी मामले जबलपुर बेंच ट्रांसफर होकर एक साथ सुने जा रहे हैं. हाईकोर्ट से मांग की गई थी कि फर्जीवाड़ा करने वाले व फर्जी कॉलेज संचालित करने वाले दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए. इसी कड़ी में सीबीआई जांच की रिपोर्ट के पश्चात हाईकोर्ट का कड़ा रुख देखने मिल सकता है. हाई कोर्ट की रोक के कारण 2020-21 में प्रवेश पाए हुए डेढ़ लाख से अधिक नर्सिंग छात्रों की परीक्षाएं आज दिनांक तक नहीं हुई है. जिसके चलते स्टूडेंट्स की नजरें भी हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर टिकी हुई है. प्रदेश सरकार ने नर्सिंग काउंसिल के अंतर्गत आने वाले पाठ्यक्रम एएनएम एवं जीएनएम कोर्स की परीक्षाओं के परिणाम जारी करने की भी अनुमति हाईकोर्ट से मांगी है जिस पर सीबीआई जांच की रिपोर्ट आने पर निर्णय होगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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