अभिमनोज
भारतीय संसद ने 2023 में तीन नए आपराधिक कानून पारित किए थे, जो 1 जुलाई 2024 से लागू होने वाले हैं, ये कानून 1860 की भारतीय दंड संहिता, 1898 की दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे!
यह सही है कि बदलते समय के साथ कानूनों में बदलाव होना चाहिए, लेकिन इस बदलाव में कानूनी, व्यवहारिक और प्रायोगिक विसंगतियां नहीं होनी चाहिए?
इन्हें लेकर कई सवाल भी हैं, जिनके जवाब कानूनी जानकारों के लिए भी जानना जरूरी है!
खबरों की मानें तो.... देश में 1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं, जिनमें 20 नए अपराधों को परिभाषित किया गया है, 33 अपराधों में सजा बढ़ाई गई है, तो 83 ऐसे अपराध हैं, जिनमें जुर्माने की रकम बढ़ाई गई है, इसके अलावा नए कानून में आतंकवाद को परिभाषित किया गया है, तो इस बदलाव में आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता लागू होगी.
खबरों पर भरोसा करें तो.... जो प्रमुख बदलाव किए गए हैं, उनमें- हथकड़ी लगाने के नियम में बदलाव,
भगोड़े अपराधी पर भी मुकदमा चल सकेगा, दया याचिका के नियम में बदलाव, गैंगरेप में आजीवन जेल की सजा आदि प्रमुख हैं.
नए कानूनों के नामकरण को लेकर भी कुछ सवाल हैं, समय रहते सारे सवालों के संतोषजनक जवाब ही नए कानूनों की प्रतिष्ठा बढ़ाएंगे!
https://x.com/i/status/1807245520521322888
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