अभिमनोज
देश में नए कानूनों के लागू होने के बाद अनेक एफआईआर दर्ज की गई और तब यह खबर थी कि- दिल्ली में रेहड़ीवाले के खिलाफ नए कानून के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी, हालांकि.... केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसके बाद यह स्पष्ट किया था कि- नए कानूनों के तहत पहला मामला ग्वालियर में दर्ज किया गया था, दिल्ली में नहीं!
खबरों की मानें तो.... तीनों नए कानून सोमवार से लागू होने के बाद दिल्ली के कमला मार्केट में दिल्ली पुलिस ने सार्वजनिक सड़क को बाधित करने के मामले में एक रेहड़ीवाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और यह दावा किया गया था कि- देशभर में भारतीय न्याय संहिता के तहत यह पहली एफआईआर दर्ज की गई, यह बात अलग है कि सोमवार को ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया कि- दिल्ली में दर्ज एफआईआर पहली नहीं थी.
इतना ही नहीं, दिल्ली में दर्ज एफआईआर बाद में खारिज भी कर दी गई, पुलिस के हवाले से खबरें थी कि- पहले मामला बीएनएस की धारा 285 के तहत किया गया, पहले आईपीसी में धारा 283 के तहत आता था, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक आवाजाही में बाधा उत्पन्न करेगा, जिससे किसी व्यक्ति को खतरा हो और उसे चोट पहुंचे, ऐसे मामले में उसे पांच हजार रुपये तक का जुर्माना देना होगा.
इस मामले में पुलिस ने बताया था कि- सब इंस्पेक्टर कार्तिक मीणा, हवलदार दीपक के साथ सोमवार देर रात 12.15 बजे गश्त कर रहे थे, इस बीच वह पेट्रोलिंग करते हुए डीलक्स शौचालय, ओवरब्रिज, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास पहुंचे, जहां पर एक युवक रेहड़ी पर बीड़ी, सिगरेट और पानी बेच रहा था, जिसके कारण लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही थी, एसआई ने कई बार रेहड़ी वाले से उसे हटाने के लिए कहा, लेकिन उसने अनसुना कर दिया, इसके बाद एसआई ने ई-प्रमाण एप्लीकेशन पर मौके का वीडियो बनाया और उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 285 के तहत रात 1.30 बजे मामला दर्ज कर लिया था.
खबरों पर भरोसा करें तो.... केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि दिल्ली में रेहड़ीवाले के खिलाफ दर्ज मामले को समीक्षा करने के बाद दिल्ली पुलिस ने खारिज कर दिया, उनका कहना था कि- इस तरह के मामलों को खारिज करने का अधिकार पहले से दिल्ली पुलिस के पास है, पहले आईपीसी में भी इसका प्रावधान था!
#1July बदलाव होना चाहिए, लेकिन कानूनी, व्यावहारिक और प्रायोगिक विसंगतियां नहीं होनी चाहिए?
https://palpalindia.com/2024/06/30/delhi-three-new-criminal-laws-effective-from-1-July-2024-Indian-Parliament-2023-passed-IPC-CrPC-Legal-practical-and-experimental-inconsistencies-news-in-hindi.html
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