एमपी: BSF की दो महिला आरक्षक 26 दिन से लापता, एक जबलपुर निवासी, दूसरी मुर्शिदाबाद की, ग्वालियर टेकनपुर में पदस्थ रही

एमपी: BSF की दो महिला आरक्षक 26 दिन से लापता, एक जबलपुर निवासी, दूसरी मुर्शिदाबाद की, ग्वालियर टेकनपुर में पदस्थ रही

प्रेषित समय :21:22:40 PM / Tue, Jul 2nd, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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पलपल संवाददाता, ग्वालियर. एमपी के ग्वालियर स्थित BSF की टेकनपुर छावनी में पदस्थ दो महिला आरक्षक 26 दिन से लापता है. दोनों के लापता होने से परिजन चिंतित है. इस मामले में  BSF ने बिलौआ थाना में दोनों के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई है. लापता आरक्षक में आकांक्षा निखर जबलपुर की रहने वाली है. वहीं शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की निवासी है.

बताया गया है कि जबलपुर के जोगी मोहल्ला में रहने वाली आकांक्षा निखर व मुर्शिदाबाद निवासी शहाना खातून बार्डर सिक्यूरिटी फोर्स BSF के सहायक प्रशिक्षण केन्द्र में वर्ष 2021 से ट्रेनर के पद पर पदस्थ है. दोनों 6 जून को अचानक गायब हो गई, इसके बाद उनका कहीं पता नहीं चल सका है. 26 दिन से लापता महिला आरक्षकों के परिजनों ने अपने स्तर पर दोनों की तलाश की, जब कहीं पता नहीं चल सका तो शहाना के परिजनों ने मुर्शिदाबाद थाना में शिकायत दर्ज कराई. वहीं आकांक्षा की मां ने जन सुनवाई में एसपी से मुलाकात कर बेटी की तलाश करने के लिए आवेदन दिया है. गौरतलब है कि आकांक्षा की   5 जून को मां उर्मिला से बातचीत हुई है. इस दौरान वह बड़े ही अनमने तरीके से बात कर रही थी, 6 जून को रात 8 बजे सहायक प्रशिक्षण केंद्र से फोन आया कि आकांक्षा व शहाना सुबह कहीं चले गए अभी तक नहीं लौटे है. अधिकारियों ने अपने स्तर से पता किया तो 6 जून को दोनों की लोकेशन दिल्ली रही इसके बाद 7 जून को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में मिली, इसी दिन रात को मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में आखिरी लोकेशन मिली है. यहां तक पता चला कि शहाना ने किसी आटो वाले से फोन लेकर अपनी मां व बहन से बातचीत की है, इसके बाद बीकन अस्पताल गई, यहां के सीसीटीवी में दोनों की फुटेज मिले है. अस्पताल से निकलकर दोनों कार में बैठकर कहीं चली गई, इसके बाद से दोनों के मोबाइल स्विच ऑफ है.

दोनों के बीच है गहरी दोस्ती-

चर्चा के दौरान यह बात सामने आई है कि जबलपुर निवासी आकांक्षा ने अपनी मां उर्मिला निखर से कहा कि मुर्शिदाबाद निवासी शहाना खातून से गहरी दोस्ती है, दोनों एक ही बैच की है. दोनों महिला आरक्षक अधिकतर समय साथ में ही बिताती रही.  

मार्च में जबलपुर आई थी-

आकांक्षा अपनी साथी आरक्षक शहाना के साथ मार्च 2024 में जबलपुर आई थी, यहां पर चार दिन तक रुकने के बाद दोनों पश्चिम बंगाल घूमने का कहकर चली गई. वहां पर आकांक्षा शहाना के घर में रुकी रही. इसके बाद से आकांक्षा का घर में मां से संपर्क कम हो गया.

बेटी की तलाश में जबलपुर से पश्चिम बंगाल तक गई मां-

उर्मिला निखर बेटी की तलाश में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद स्थित शहाना के घर तक पहुंची. उनके परिजनों से मुलाकात की लेकिन उन्होने क ोई जानकारी नहीं दी है. उनका कहना है कि मेरी बेटी की जान खतरे में है.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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