पल-पल इंडिया (व्हाट्सएप- 8302755688). आरक्षण के कारण हिंसा की आग में झुलसे बांग्लादेश के हालात के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी में आरक्षण का फैसला वापस ले लिया है.
खबरों की मानें तो.... बांग्लादेश में प्रदर्शन और हिंसा का कारण सरकारी नौकरी में आरक्षण का मुद्दा था.
बांग्लादेश की आजादी के बाद 1972 से स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारजनों को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाता था. एक पक्ष चाहता है कि- यह आरक्षण जारी रहना चाहिए, जबकि दूसरा पक्ष इसे समाप्त करना चाहता है. शेख हसीना सरकार ने 2018 में हुए विरोध-प्रदर्शन के कारण इस आरक्षण व्यवस्था को खत्म कर दिया था.
इस मुद्दे पर जब मामला बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट गया तो वहां से भी इसे बदल दिया गया.
यह भी कहा गया कि- इसके कारण देशभर में अशांति फैल गई, कई लोगों की जान गई.
इसके बाद बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 93 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को योग्यता के आधार पर आवंटित करने का आदेश दिया, तो केवल 7 प्रतिशत, 1971 के बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार को दिया है.
उल्लेखनीय है कि.... इस आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में कुछ समय से हिंसक प्रदर्शन जारी था, जिसमें कई लोगों की जान भी गई.
खबरों पर भरोसा करें तो.... इस दौरान सरकार ने सभी सरकारी संस्थानों, कार्यालयों को बंद रखने का आदेश भी जारी किया, साथ ही देश में सख्त कर्फ्यू भी लगा दिया गया था.
बांग्लादेश सरकार ने पुलिस को उपद्रवियों को देखते ही गोली मार देने का आदेश दिया था. हिंसा के कारण एक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, तो चार हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए.
इस रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान निचली अदालत के फैसले को बदलते हुए 93 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को योग्यता के आधार देने को कहा, जबकि 7 प्रतिशत नौकरियां उनके परिवारवालों के लिए होंगी, जिन्होंने बांग्लादेश आजादी की लड़ाई लड़ी थी!
एशिया कप: श्रीलंका ने जीत के साथ किया आगाज, बांग्लादेश को 7 विकेट से हराया
बांग्लादेश: देखते ही गोली मारने का आदेश अब तक 114 की मौत, दुकान-ऑफिस सब बंद
बांग्लादेश: आरक्षण को लेकर हिंसक प्रदर्शन में अब तक 39 की मौत, 2500 से ज्यादा घायल