पलपल संवाददाता, जबलपुर/दमोह. एमपी के दमोह स्थित सरकारी अस्पताल में दो महिलाओं की बच्चों को जन्म देने के कुछ वक्त के बाद ही मौत हो गई. वहीं दो महिलाओं की हालत को देखते हुए जबलपुर के मेडिकल अस्पताल पहुंचाया गया. जहां पर दोनों की इलाज के दौरान मौत हो गई. चारों महिलाओं की पहली डिलीवरी थी जो आपरेशन से हुई थी. महिलाओं की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हो गए, जिन्होने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है. इधर अस्पताल के सिविल सर्जन डाक्टर राजेश नामदेव का कहना है कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. इसके बाद भी दो टीम गठित कर जांच कराई गई, रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है. फिर भी एक बार और जांच के आदेश दिए गए है.
सूत्रों के अनुसार दमोह के ग्राम बकायन गांव मे रहने वाले सचिन चौरसिया की पत्नी लक्ष्मी जबलपुर हाईकोर्ट में पदस्थ रही. जिन्हे नार्मल डिलीवरी के लिए दमोह के जिला अस्पताल में भरती कराया गया था. रात के वक्त कहा गया कि नार्मल डिलीवरी संभव नहीं है सीजर होगा. सबकुछ ठीकठाक हो गया, बच्चा भी स्वस्थ रहा. परिजन भी बहुत खुश रहे, लेकिन उनकी ये खुशी ज्यादा देर तक नहीं रह पाई. लक्ष्मी को कुछ देर बाद ही पेट में तेज दर्द होने लगा और परिजन कुछ समझ पाते लक्ष्मी की सांसे थम गई. इसी तरह दमोह के नया गांव पटेरा की हर्षना कोरी ने भी बच्चे को जन्म दिया. इस बात की खबर मिलते ही परिजनों ने इस खुशी से झूम उठे. कुछ घंटे बाद हर्षना की तबियत बिगडऩे लगी, जिसे देखते हुए आईसीयू में रखा गया, जहां पर महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई.
दो को जबलपुर मेडिकल अस्पताल रेफर किया-
इसके अलावा हिंडोरिया गांव की निशा परवीन ने दमोह के सरकारी अस्पताल में ही सीजर से बच्चे को जन्म दिया. कुछ घंटे बाद डाक्टरों ने कहा कि निशा की यूरिन पास नहीं हो रही है, किडनी फे ल होने की आशंका है. हालत बिगड़ते देख जबलपुर के मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया. जहां पर डायलिसिस कराया गया लेकिन 18 दिन बाद निशा की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसी तरह हटा दमोह की हुमा आपरेशन से बच्चा हुआ, उनकी भी यूरिन पास होना बंद हो गई. डाक्टरों ने कहा कि किडनी फेल होने की आशंका है. उन्हे भी गंभीर हालत में दमोह से जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया. जहां डायलिसिस हुआ लेकिन 20 दिन बाद इलाज के दौरान हुमा की भी मौत हो गई.
परिजनों ने सीएम के नाम दिया है ज्ञापन-
महिलाओं की मौत से परिजन आक्रोशित है, उन्होने मांग है कि प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. यहां तक कि हटा में महिला के परिजन और समाज के अन्य लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन देते हुए कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी. एक सप्ताह में मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
दो जांचों में सामने नहीं आई लापरवाही रू सिविल सर्जन-
जिला अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि 4 जुलाई को सिजेरियन डिलीवरी के बाद 4 महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हुई. जिसमें से 2 की कुछ घंटे बाद ही मौत हो गई. 2 महिलाओं को किडनी इन्फेक्शन के कारण जबलपुर रेफर किया गया थाए वहां उनकी मौत हुई है. कोई लापरवाही अभी तक सामने नहीं आई है. मामला संज्ञान में आते ही कलेक्टर को जानकारी दी गई थी. जिसके बाद सागर व जबलपुर मेडिकल कॉलेज से मामले की जांच करने के लिए दो टीमें दमोह पहुंची थीं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-IMD ने एमपी, गुजरात सहित अगले 48 घंटों में इन 5 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
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