अभिमनोज
कावड़ यात्रा के मद्देनजर शुरू हुए नेम प्लेट विवाद में सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश फिलहाल जारी रहेगा, मतलब.... खाने-पीने की दुकानों के सामने दुकानदारों का नाम लिखने की कोई बाध्यता नहीं होगी, लेकिन.... जो दुकानदार अपना नाम लिखना चाहते हैं, वह लिख सकते हैं.
खबरों की मानें तो.... इस मामले में अदालत ने सभी पक्षों को जवाब पेश करने के लिए समय दिया है, तीन सप्ताह बाद आगे की सुनवाई होगी.
उल्लेखनीय है कि.... कांवड़ यात्रा मार्ग में खाने-पीने का सामान बेचनेवाले दुकानदारों का नाम दुकान के बाहर लिखने का आदेश उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जारी किया गया था, ऐसा इसलिए कि- शुद्ध और सात्विक आहार ग्रहण करनेवाले कांवड़ यात्री गलती से भी गलत भोजन न खा लें.
इसके खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और दिल्ली यूनिर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, इनका कहना था कि- इस तरह के आदेश जारी कर मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार करने की कोशिश की जा रही है, छुआछूत को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई 2024 को हुई सुनवाई में ऐसे निर्देश के अमल पर अंतरिम रोक लगा दी गई थी, अदालत का कहना था कि- दुकानदार केवल यह लिखें कि वह किस तरह का खाना बनाते हैं.... शाकाहारी या मांसाहारी, उन्हें अपना नाम लिखने की ज़रूरत नहीं है!
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कांवड़ रूट पर दुकानदारों को नहीं लिखना होगा दुकान के बाहर अपना नाम, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक