मुझे भी कुछ कहना है

मुझे भी कुछ कहना है

प्रेषित समय :21:30:43 PM / Sat, Aug 3rd, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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सुनीता जोशी
कपकोट, बागेश्वर
उत्तराखंड

लड़ लड़ के अब थक गई हूं,
अब लड़ना नहीं है मुझ को,
डर डर कर कमजोर बनी,
अब डरना नहीं है मुझको,
सबसे लड़ूँगी चुनौतियों से ना डरूँगी,
जो कुछ करना चाहूं, सबकुछ करूंगी,
हार गई थी दुनिया से लेकिन,
अब न हिम्मत हारूँगी,
अब मुझे अपने लिए नहीं,
सबके लिए लड़ना है,
अब न किसी से डरना है,
अब मैं भी यह मान गई हूं,
पूरी दुनिया को जान गई हूं,
नारी का इस दुनिया में,
कही पर सम्मान नहीं,
इस सम्मान के लिए ही तो,
सारी दुनिया से लड़ जाना है॥

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