रेनू
कक्षा-11
छत्यानी, उत्तराखंड
आओ मिलकर पर्यावरण को बचाएं,
वर्षा के मौसम में नाचे और गाएं,
जब छम छम बारिश है पड़ती,
पहाड़ों की रूह फिर खूब चमकती,
जाड़े की ठंडी में जब हम ठिठुरते,
आग जला के एक साथ सब बैठते,
धुआं पर्यावरण को है नष्ट करता,
मगर खाना उसी पर है बनता,
दूषित कचरे से हम बच ना पाते,
इस तरह गंदगी हम ख़ुद हैं फैलाते,
पता है ये हमारे लिए अच्छा नहीं,
फिर भी हम नहीं है मानते,
चलो हम दुनिया को हरा भरा बनाएं,
आओ मिलकर पर्यावरण को बचाएं।।
चरखा फीचर
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कविताएं: लुप्त होती एक भाषा / एक लड़की का सपना