नागौर. राजस्थान के नागौर जिले के आकला गांव में रविवार को मेघवाल समाज के सभी धड़ों की सामाजिक बैठक हुई. बैठक में सर्व सहमति से समाज में मृत्युभोज एवं अन्य कुरीतियां जो समाज के लिए नुकसानदायक साबित हो रही उन पर अंकुश लगाने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. इन पर समाज के सभी बुजुर्ग एवं युवा वर्ग ने सर्व सहमति से निर्णय लिया कि भविष्य में आकला गांव में मृत्यु भोज का आयोजन नहीं किया जाएगा.
समाज के जागरूक प्रतिनिधि हेड कांस्टेबल बंशीलाल ने बताया कि समाज ने निर्णय किया किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर 12 दिन तक भोजन में केवल दाल रोटी बनेगी. पगडी की रस्म पर मिठाई में केवल लापसी बनेगी. अगर कोई व्यक्ति इसकी पालना नहीं करेगा तो उनके घर पर कोई नहीं जाएगा और भोजन नहीं करेगा. बारहवें के दिन बेटियों की पैरावनी की रस्म में सर्व सहमति से 11 हजार रुपए करने का निर्णय किया.
युवाओं ने विवाह समारोह में डीजे फ्लोर लगाने के प्रतिबंध को लेकर पूरा सहयोग किया. बारात रवाना होने के पश्चात अगर कोई रास्ते में डीजे लेकर आया तो समाज के लोग बारात में नहीं जाएंगे. निर्णय की पालना नहीं करने पर कोई भी व्यक्ति विवाह कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा.
शराब पी तो नहीं जाएंगे बारात में
विवाह एवं मृत्यु के कार्यक्रम में कोई व्यक्ति शराब पीकर विवाह स्थल पर नहीं आएगा .अगर कोई आया तो उसके परिवार के सदस्यों को पाबंद किया जाएगा तथा भविष्य में उनका अन्य कार्यक्रम में शामिल होने पर रोक लगाई जाएगी. इस दौरान डूंगरराम, भैराराम, रूपाराम, जीवणराम, प्रकाशराम, नरसिंहराम, मुकेश, हुक्माराम, गेनाराम, राजुराम, जेठाराम, दिनेश चौहान, रूपाराम, सतुराम, चेनाराम सहित समाज के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान : राजसमंद में बड़ा हादसा, सामुदायिक भवन की छत गिरी, चार लोगों की दर्दनाक मौत, 9 घायल
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