नई दिल्ली. 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार, 14 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को 20 मिनट संबोधित किया. उन्होंने कहा, आजादी के त्यौहार में शामिल होने वाले सभी देशवासी हमारा परिवार हैं.
राष्ट्रपति ने कहा, आजादी का यह पर्व हमें उन दिनों की याद दिलाता है, जब देश के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया. हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने हमें नई अभिव्यक्ति प्रदान की. सरदार पटेल, बोस, भगत सिंह, बाबा साहेब आंबेडकर जैसे कई अन्य लोग थे, जिनके बलिदान की सराहना होती रही है.
द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति हैं. वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. उन्होंने 64 साल (साल 2022) की द्रौपदी मुर्मू देश में सबसे कम उम्र में राष्ट्रपति बनने की रिकॉर्ड भी बनाया था.
संबोधन की प्रमुख बातें
- सभी देशवासी उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं. लहराते तिरंगे को देखना हमारे हृदय को उत्साह से भर देता है. ये महान देश का हिस्सा होने की खुशी को व्यक्त करता है. आज 14 अगस्त को देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है. लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा और कई लोगों को जान गंवानी पड़ी. हम उन परिवारों के साथ खड़े होते हैं, जिन्होंने अपने खो दिए.
- इस साल हमारे देश में आम चुनाव हुए. 90 करोड़ लोगों ने वोट डाला. मैं उन चुनाव कर्मियों का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने मतदान के लिए भारी गर्मी में काम किया. भारत 8 प्रतिशत विकास दर से आगे बढऩे वाला देश हैं. पीएम गरीब अन्न कल्याण योजना से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है. ये इस बात को बताता है कि हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि गरीबी से निकले लोग फिर से गरीबी में न जाएं.
- हाल के वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को काफी बढ़ावा मिला है. सरकार ने सेमी कंडक्टर जैसी चीजों को बढ़ावा देने के लिए कई काम किए हैं. बैंकिंग क्षेत्र में काफी तरक्की हुई है. तेज गति से हो रही प्रगति के चलते भारत का कद ऊंचा हुआ है. त्र-20 के सफल आयोजन के बाद ग्लोबल साउथ की अवधारणा और मुखर हुई है.
- हमें बीआर अंबेडकर की ये बात याद रखनी चाहिए. हमें राजनीतिक लोकतंत्र को सामाजिक लोकतंत्र में बदलना चाहिए. मैं दृढ़ता के साथ मानती हूं कि कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्ति को खारिज करना होगा. सरकार ने सभी वर्गों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं.
- नारी शक्ति अधिनियम महिलाओं के सशक्तिकरण को दिखाता है. मैं आप सबसे अनुरोध करती हूं कि अपने जीवन में छोटे बदलाव करें और जलवायु परिवर्तन को रोकने में अपना योगदान दें. हमने औपनिवेशिक युग के कई कानूनों को हटा दिया है. हमारी न्याय प्रणाली का मकसद केवल दंड देना नहीं है. मैं इसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं.
- हाल के सालों में अंतरिक्ष के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है. हम सब गगनयान की प्रतीक्षा कर रहे हैं. भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा. हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक में भारतीय दल ने उत्कृष्ट प्रयास किया. भारत ने टी-20 वर्ल्ड कप जीता. शतरंज में कई खिलाडिय़ों ने देश को गौरव दिलाया. बैडमिंटन समेत कई खेलों में खिलाड़ी प्रेरणा दे रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-#CourtNews दिल्ली हाईकोर्ट- सरकार का दीपावली या ईद की बधाई देना, धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है!
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