चंडीगढ़. 2020 से जारी किसानों के आंदोलन में अब एक नया मोड़ आ गया है. शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की एकजुटता में कोई कमी नहीं आई है. 31 अगस्त को इस मोर्चे को 200 दिन पूरे हो जाएंगे और किसान तब तक डटे रहेंगे, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं.
अमृतसर रेलवे स्टेशन पर आज हजारों किसान हाथों में झंडे लेकर शंभू बॉर्डर के लिए रवाना हुए हैं. ये किसान विभिन्न ट्रेनों और तरीकों से प्रदर्शन स्थल पर पहुंच रहे हैं. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने जानकारी दी कि यह जत्था देर शाम तक रवाना होता रहेगा. यदि सरकार रास्ता देती है, तो किसान दिल्ली की ओर भी रवाना हो सकते हैं, लेकिन फिलहाल वे शंभू बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे.
यह आंदोलन 13 फरवरी से चल रहा है, जिसमें मुख्य मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून की गारंटी को लेकर है. किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार MSP की गारंटी देने में असफल रही है.
किसान नेताओं ने यह भी कहा कि आजादी के बाद 77 वर्षों में विभिन्न सरकारों ने किसानों और मजदूरों के मुद्दों को हल करने में गंभीरता नहीं दिखाई. जबकि पिछले 8 सालों में कॉरपोरेट घरानों का 14.56 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया, किसानों और मजदूरों के कर्ज माफ करने की बात पर सरकार का कहना है कि इसके लिए बजट की कमी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब में शिरोमणि अकाली दल को झटका, विधायक सुखविंदर सुखी AAP में हुए शामिल
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