इस्लामाबाद. पाकिस्तान में ईशनिंदा के मामले में एक व्यक्ति को रिहा करने पर आक्रोशित पाकिस्तानियों ने सुप्रीम कोर्ट पर हमला बोल दिया. रिपोर्ट के मुताबिक इस विवाद की शुरुआत 6 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले से हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अहमदिया समुदाय के मुबारक अहमद सानी को रिहा करने का आदेश दिया था. सानी को 7 जनवरी 2023 को गिरफ्तार किया गया था. सानी पर आरोप था कि उसने 2019 में एक कॉलेज में तफसीर-ए-सगीर बांटा था.
तफसीर-ए-सगीर अहमदिया समुदाय से जुड़ी एक धार्मिक किताब हैं. इसमें अहमदिया संप्रदाय के संस्थापक के बेटे मिर्जा बशीर अहमद ने कुरान की व्याख्या आपने हिसाब से की है. सानी को कुरान एक्ट 2021 के तहत गिरफ्तार किया गया था. सानी ने अदालत में दलील दी कि उसे जिस एक्ट के तहत सजा दी गई है, वह 2019 में था ही नहीं. वह तब अपने धर्म से जुड़ी किताब का प्रचार करने के लिए आजाद था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पाकिस्तान के क्वेटा में आतंकी अटैक, 3 की मौत, नेशनल फ्लैग बेच रहे दुकानदार पर बम फेंका
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