बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर वन विभाग तोता और अन्य पक्षियों की बिक्री करने, उसे पिंजरे में कैद कर पालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. बिलासपुर डीएफओ ने 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है. सभी पक्षियों को पिंजरे से निकालकर कानन पेंडारी जू प्रबंधन को सौंपने कहा गया है. इसके लिए टोल फ्री (18002337000) नंबर भी जारी किया गया है. ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा.
प्रतिबंधित पक्षियों को भी लोग पाल रहे हैं. इस पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने नाराजगी जाहिर की है. राज्य पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने वन विभाग ने निर्देश पर प्रदेश भर में तोता सहित वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की अधिसूची में दर्ज सभी पक्षियों को वन विभाग को सौंपने का आदेश जारी किया है.
तोता सहित अन्य पक्षी पालना है अपराध
वन विभाग के अफसरों के अनुसार तोता या अन्य पक्षी, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधित मई-2022 की अनुसूची में शामिल है, उनकी खरीदी, बिक्री और पालन करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है. इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
वन विभाग की टीम करेगी छापेमारी
वन विभाग से आदेश जारी होने के बाद अब तय समय के भीतर तोता सहित पक्षियों को कानन पेंडारी जू में जमा करना होगा. तय समय सीमा पूरी होने के बाद वन विभाग की टीम लोगों के घरों में जाएगी और पक्षी पालने की शिकायत मिलने पर छापेमारी कर कार्रवाई करेगी.
आदेश के बाद भी पक्षियों को पिंजरे में कैद रखने पर उनके खिलाफ केस दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. आदेश जारी होने के बाद यहां अब सख्ती बरतने की तैयारी है. वनकर्मियों, अधिकारी से लेकर उडऩदस्ता को जांच के निर्देश दिए गए हैं.
स्वस्थ पक्षी तत्काल किए जाएंगे आजाद
मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि पक्षियों को पास के शासकीय चिडिय़ाघर को सौंपे जाएंगे. अगर कोई पक्षी स्वस्थ है तो उसे तत्काल प्राकृतिक रहवास क्षेत्र में छोडऩा है. चिडिय़ाघर में केवल उन्हीं पक्षियों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा, जो अस्वस्थ हैं. वन्य प्राणी डॉक्टर्स उनका इलाज करेंगे. जब वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे, इन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
तोते को पिंजरे में रखने से जैव विविधता पर असर
बिलासपुर वन विभाग के डीएफओ अभिनव कुमार के मुताबिक तोते को पिंजरे में कैद करने से जैव विविधता पर बुरा असर पड़ रहा है. अब इनके शिकार और तस्करी करने वालों पर नजर रखी जाएगी.
खरीद-बिक्री की सूचना पर तत्काल कार्रवाई होगी
पक्षियों की बिक्री, खरीदी और पालन पर रोक लगाने के लिए वन मुख्यालय स्तर पर एक टोल फ्री नंबर (18002337000) भी जारी हुआ है. इसके अलावा वन मंडल स्तर पर अधिकारी का नाम, पदनाम और मोबाइल नंबर जारी करने के निर्देश दिए हैं. इससे कहीं भी खरीदी-बिक्री करते नजर आए तो लोग इसकी सूचना दे सकें. सूचना मिलने के बाद विभागीय अमला तत्काल मौके पर पहुंचेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-छत्तीसगढ़ : रेल मंत्रालय ने बचेली-गढ़चिरौली वाया बीजापुर रेल लाइन सर्वे को दी हरी झंडी