नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में मॉनसून की सक्रियता अभी भी जारी है. कई हिस्सों में देर रात से हल्की-हल्की बारिश हो रही है. रिमझिम बारिश से इलाके मौसम में भारी बदलाव आया है. अगस्त के आखिरी सप्ताह में बारिश होने से तापमान में गिरावट आई है और लोगों को गर्मी से राहत मिली है. जम्मू-कश्मीर समेत उत्तर पश्चिम से लेकर पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर भारत तक जमकर मूसलाधार बारिश हो रही है। लगभग समूचे गुजरात और पश्चिम राजस्थान को जल प्रलय का सामना करना पड़ रहा है। दोनों राज्यों के कई इलाके पानी में डूब गए हैं। गुजरात में सात लोगों की जान भी गई है और 15,000 से अधिक लोगों को निचले इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है, वहीं पानी में घिरे 300 लोगों को बचाया गया है। देवभूमि द्वारका, आणंद, वडोदरा, खेड़ा, मोरबी और राजकोट जिले में बचाव अभियान में सेना की एक-एक कॉलम तैनात की गई है। मौसम विभाग ने बुधवार को 22 राज्यों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है।
अहमदाबाद में अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी भारी बारिश होने से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं। पंचमहल, नवसारी, वलसाड, वडोदरा, भरूच, खेड़ा, गांधीनगर, बोटाद और अरावली जिलों में बांधों और नदियों का जलस्तर बढ़ने से छह हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। गुजरात से सटे राजस्थान के उत्तरी हिस्से में भी जमकर बारिश हो रही है। जयपुर, उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में को भी कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। जम्मू के राजोरी में बिजली गिरने से एक महिला की मौत हो गई है। रामबन में बादल फटने के बाद लापता सात में से दो लोगों के शव मिले हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो दिन गुजरात में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। बुधवार को पश्चिमी राजस्थान और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में और बृहस्पतिवार को पश्चिमी राजस्थान, केरल और ओडिशा में वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बताया कि राज्य में बाढ़ से नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्र एक टीम भेजेगा। राज्य में कुल 17 लाख लोग प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं और 1.37 लाख बेघर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि बाढ़ से नुकसान के वास्तविक आकलन के लिए वह जल्द ही एक केंद्रीय टीम भेजेंगे।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और उसके चलते जगह-जगह भूस्खलन होने से 126 सड़कें बंद हैं। आनी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग भी भूस्खलन के चलते 10 घंटे बंद रहा। पवित्र मणिमहेश यात्रा कर लौट रहे पंजाब के एक श्रद्धालु की तोस के गोठ में पहाड़ी से गिरा पत्थर लगने से मौत हो गई। इसमें कांगड़ा के बैजनाथ का एक दंपती चोटिल हुआ है। राजधानी शिमला में मूसलाधार बारिश में कई पेड़ भी उखड़ गए। सुबह के समय बारिश होने से स्कूल जाने वाले बच्चों और आफिस जाने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अगले दो दिन बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
Source : palpalindia
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