गांधीनगर. मध्याह्न भोजन योजना के तहत 43 लाख बच्चों के लिए बुरी खबर है. राज्य सरकार ने बच्चों को नाश्ता देना बंद करने का फैसला किया है. बच्चों को पहले दोपहर का भोजन और नाश्ता दिया जाता था.
नए सर्कुलर के मुताबिक अब उन्हें सिर्फ मिड-डे मील ही दिया जाएगा. वर्ष 2017 के सर्कुलर के अनुसार उन्हें साप्ताहिक नाश्ता और भोजन देने के लिए एक मेनू तय किया गया था, लेकिन नए सर्कुलर में सिर्फ मिड-डे मील उपलब्ध कराने का जिक्र है.
खाने में बढ़ाई जाएगी उच्च कैलोरी की मात्रा
इस संबंध में मध्याह्न भोजन के संयुक्त सचिव के.एन. चावड़ा के मुताबिक सरकार का इरादा सुपोषित गुजरात मिशन के तहत बच्चों के भोजन में सब्जियों का सेवन बढ़ाना, सब्जियों और अन्य उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों के लिए धनराशि बढ़ाना है.
आदिवासी इलाकों के 11.50 लाख बच्चों को सुबह का दूध भी दिया जाता है. यह निर्णय इसलिए लिया गया है, ताकि बच्चे एक समय में बेहतर खाना खा सकें, व्यवस्थापकों और सहायकों के काम के घंटे भी बरकरार रह सकें. नाश्ते और दोपहर के भोजन की अलग-अलग कैलोरी को मिला दिया गया है और अब सभी कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ दोपहर के भोजन में परोसे जाएंगे.
उन्होंने आगे कहा, स्कूल में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए सुपोषित गुजरात मिशन के तहत अतिरिक्त राशि प्रदान करने का अनुरोध किया गया है. सभी जिला कलेक्टरों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात: हाहाकारी बारिश से कोहराम, 26 मौतें, 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं
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