पीएम मोदी ने जजों की कांफ्रेंस में कहा- महिला सुरक्षा के लिए कठोर कानून मौजूद फैसले जल्दी आएंगे तो लोगों का भरोसा ज्यादा बढ़ेगा

मोदी जजों कांफ्रेंस, फैसले जल्दी आएंगे तो लोगों का भरोसा ज्यादा बढ़ेगा

प्रेषित समय :16:22:20 PM / Sat, Aug 31st, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम में आज जिला अदालतों की नेशनल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा- आज महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा समाज की गंभीर चिंता है. देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बने हैं. 2019 में सरकार ने फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की स्थापना की थी. इसके तहत अहम गवाहों के लिए डिपोजिशन सेंटर्स का प्रावधान है.

इसमें भी डिस्ट्रिक्ट मॉनिटरिंग कमेटी की भूमिका अहम है, जिसमें डिस्ट्रिक्ट जज, DM और SP शामिल होते हैं. इन कमेटी को और सक्रिय करने की जरूरत है. महिला अत्याचारों से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से फैसले आएंगे, आधी आबादी को सुरक्षा का उतना ही अधिक आश्वासन मिलेगा. कॉन्फ्रेंस में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़,  केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल शामिल हुए.

मोदी ने कहा- लोगों ने हमारी न्यायपालिका पर कभी अविश्वास नहीं किया

पीएम ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के 75 साल, केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है. ये यात्रा है- भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की. ये यात्रा है- एक लोकतंत्र के रूप में भारत के और परिपक्व होने की. भारत के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट पर, हमारी न्यायपालिका पर कभी अविश्वास नहीं किया. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के ये 75 साल मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत के गौरव को और बढ़ाते हैं. आजादी के अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है- विकसित भारत, नया भारत. नया भारत, यानी - सोच और संकल्प से एक आधुनिक भारत. हमारी न्यायपालिका इस विजन का एक मजबूत स्तम्भ है.

सीजेआई की अध्यक्षता में दो दिनों तक चलेगी कॉन्फ्रेंस

जिला अदालतों की नेशनल कॉन्फ्रेंस दो दिनों तक चलेगी. सुप्रीम कोर्ट इसका आयोजन कर रहा है. इस कॉन्फ्रेंस में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जिला अदालतों से 800 से ज्यादा प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. कॉन्फ्रेंस में 5 सत्र आयोजित किए जाएंगे. सम्मेलन के पहले दिन अदालतों के इंफ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन को बढ़ाने के तरीकों की खोज पर चर्चा होगी. जजों की सुरक्षा और कल्याणकारी पहलुओं पर भी विचार-विमर्श होगा.

कार्यक्रम के दूसरे दिन केस हैंडलिंग और लंबित मामलों में कमी के लिए रणनीतियों पर चर्चा होगी. इसके लिए केस मैनेजमेंट पर एक सत्र आयोजित किया जाएगा. साथ ही जजों के लिए न्यायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा. 1 अगस्त को कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण होगा. वह सुप्रीम कोर्ट के ध्वज और प्रतीक चिह्न का भी अनावरण करेंगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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