महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में भारी बारिश से हाहाकार, 12 की मौत, सैंकड़ों गांवों में फसलों को नुकसान

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में भारी बारिश से हाहाकार, 12 की मौत, सैंकड़ों गांवों में फसलों को नुकसान

प्रेषित समय :17:56:31 PM / Tue, Sep 3rd, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

मुंबई. मराठवाड़ा में भारी बारिश ने तबाही मचाई है. इससे 12 लोगों की मौत हो गई है और लाखों हेक्टेयर में फसलों को नुकसान पहुंचा है. पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने परभणी, हिंगोली और नांदेड़ जिलों में काफी नुकसान पहुंचाया है.

बाढ़ के पानी से नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है और फसलें जलमग्न हो गई हैं. बीड, नांदेड़, परभणी और लातूर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. भारी बारिश के कारण कई जगहों पर घर ढह गए हैं और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है.

बारिश से 12 लोगों की मौत

बारिश से संबंधित घटनाओं में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से एक मौत छत्रपति संभाजीनगर जिले से, एक जालना से, एक हिंगोली से, एक बीड से और एक लातूर से हुई है. कई और लोगों के लापता होने की आशंका है. दूर-दराज के इलाकों से जानकारी मिलने पर मरने वालों की संख्या बढऩे की आशंका है.

नांदेड़ में 36 घंटे से लगातार बारिश

नांदेड़ जिले में 36 घंटे से लगातार बारिश हो रही है. कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को जलाशयों से पानी छोड़ना पड़ा है. नांदेड़ के जिलाधिकारी अभिजीत राउत ने लोगों से खासकर नदियों, बांधों और जलाशयों के पास रहने वालों से सतर्क रहने का आग्रह किया है.

भारी बारिश से 21 मकान ढह गए

लगातार पानी आने से जलाशयों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन को फ्लडगेट खोलने पड़े हैं. स्थिति पर प्रशासन की कड़ी नजऱ है. आपदा प्रबंधन दल, कृषि अधिकारी और पुलिस हर संभव मदद के लिए तैयार हैं. भारी बारिश के कारण क्षेत्र में 21 मकान ढह गए हैं. लगातार बारिश से और बाढ़ आने की आशंका है. बारिश जारी रही तो जलाशयों से और पानी छोड़ा जा सकता है.

मराठवाड़ा के 6 लाख से ज्यादा किसान प्रभावित

बारिश ने मराठवाड़ा के छह लाख से ज़्यादा किसानों को प्रभावित किया है. कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. उन्हें अब कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. 4,96,392 हेक्टेयर में फैली सूखी भूमि की फसलें और 11,497 हेक्टेयर सिंचित भूमि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुई है. किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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