दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बी वी नागरत्ना ने कहा है कि उन्हें छुट्टियों के दौरान सैलरी लेने में थोड़ी परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि उन्हें कोर्ट की गर्मियों की छुट्टियों में सैलरी लेने में थोड़ी अजीब लगता है. जस्टिस नागरत्ना ने एक केस की सुनवाई के दौरान यह बात कही. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले चार जजों को बर्खास्त कर दिया था, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बहाल किया गया था. अब इन जजों को बकाया सैलरी देने के मामले की सुनवाई चल रही है.
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील गौरव अग्रवाल ने जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह को बताया कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने चार जजों की बर्खास्तगी को रद्द कर दिया था और दो अन्य जजों को फुल कोर्ट ने बरकरार रखा था. इस पर वरिष्ठ वकील आर बसंत ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि जजों को उस अवधि के लिए भी सैलरी दी जाए, जब वे सेवा में नहीं थे. जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि चूंकि बर्खास्तगी के दौरान जज काम नहीं कर रहे थे, इसलिए उन्हें सैलरी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा, आप जानते हैं कि हमारा काम कैसा होता है. अगर किसी को बहाल किया जाता है, तो उन्हें उस अवधि के लिए सैलरी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, जब वे जज के रूप में काम नहीं कर रहे थे. मेरा ज़मीर मुझे इसकी इजाज़त नहीं देता.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली : AAP MLA अमानतुल्लाह खान गिरफ्तार, ईडी ने वक्फ बोर्ड घोटाले में की कार्रवाई
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