पलपल संवाददाता, भोपाल. एमपी की राजधानी भोपाल स्थित सुभाष स्कूल में शिक्षक दिवस के मौके पर 12 शिक्षकों का सम्मान किया गया है. कार्यक्रम के दौरान 11 वीं कक्षा की एक छात्रा ने स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रतापसिंह के कान में कहा कि मैं सिंगरौली जिले के चितंरंगी की रहने वाली हूं. वहां के परीक्षा सेंटर्स में टीचर्स बच्चों को नकल कराते हैं. वहां जितने भी स्कूल हैंए उनका रिजल्ट हमेशा 100 प्रतिशत आता है.
छात्रा ने कहा कि उन स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं. इसलिए मैंने अनुरोध किया है कि इसे रोका जाए. नकल से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है. छात्रा अब भोपाल के सीएम राइज स्कूल में 11वीं कक्षा में अध्ययनरत है. छात्रा दसवीं कक्षा तक सिंगरौली जिले के चितरंगी में पढ़ी थी. चितरंगी ब्लॉक के सेंटर पर टीचर्स बच्चों को नकल कराते हैं. छात्रा ने कहा कि शिक्षा मंत्री को इतनी महत्वपूर्ण जानकारी दी है अब देखते है कि सरकार इसके लिए कुछ करती भी है या नहीं. शिक्षक दिवस के मौके पर आज भोपाल के सुभाष स्कूल में 12 शिक्षकों के सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी वर्चुअली जुड़े थे. कार्यक्रम के बीच में एक छात्रा बहुत देर से मंत्री राव उदय प्रताप सिंह से बात करने का प्रयास कर रही थी. जैसे ही शिक्षामंत्री नीचे आए तो छात्रा से कहा कि आप यह जानकारी हमें दीजिए हम इसकी जांच करवाएंगे. वहीं शिक्षामंत्री ने बच्चों से कहा कि आप लोग बहुत डिजिटल हो, आज हाईटेक युग में पढ़ रहे हो. हमारी डिपेंडेंसी गूगल पर नहीं होने चाहिए, हमें मानवीय संवाद के साथ आगे बढऩा चाहिए. मैं यह नहीं कहता कि हमें गूगल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. मगर हमें हमारी मूल चीजों पर चलना चाहिए. हमारी पुरानी पद्धति व आज के युग का डिजिटल वर्ल्ड यह सब चुनौती है. क्योंकि अगर आप डिजिटली जुड़ जाते हैं तो मूल चीज कई बार पीछे रह जाती है.
कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े सीएम मोहन यादव-
कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि सिलेबस से जो ऊपर हैं वो गुरु हैं. शिक्षक भी गुरु हो सकता है. लेकिन गुरु होने के लिए शिक्षा का तरीका अलग होता है. शिक्षक सीमा में बात करता है. सिलेबस की बात करता है और जो सिलेबस से ऊपर पढ़ा तो वह गुरु है. हमने कुलपति का नाम कुलगुरु करने का प्रयास किया है. अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाना गुरु का काम है. राम-लक्ष्मण ने तुलसीदास से शिक्षा ली. लेकिन विश्वामित्र के संपर्क में राम नहीं आते तो बाद के रामायण का क्या होता. गुरु की दिव्य दृष्टि होती है. मैं सभी शिक्षकों को बधाई देता हूं.
स्कूल के इन शिक्षकों का हुआ सम्मान-
-अमिता पांडेय :अर्थशास्त्र
मंगलम् इत्यलम् : संस्कृत
गुलाब सिंह : भौतिकी
शर्मिष्ठा श्रीवास्तव : हिन्दी
अजंना कपूरिया :अंग्रेजी
अर्पणा नारोलिया : लेखाशास्त्र
रश्मि श्रीवास्तव : राजनीति शास्त्र
भारती द्विवेदी : जीवविज्ञान
डॉ दिव्या श्रीवास्तव : इतिहास
सीमा माथुर : रसायन शास्त्र
एकता पाठक : गणित
राजेंद्र जसूजा : अध्ययन
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