पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के सागर के खुरई स्थित रीठौर मिशन अस्पताल में महिला की आपरेशन से डिलेवरी हुई. इस दौरान डाक्टरों ने महिला के पेट में ही कपड़ा छोड़ दिया. इसके बाद से ही महिला के पेट में दर्द होने लगा. 11 माह तक लगातार दर्द सहने के बाद महिला की बीती रात मौत हो गई. इस आशय के आरोप लगाते हुए खुरई बीना-सागर रोड रीठौर मिशन अस्पताल के सामने धरना देकर प्रदर्शन शुरु कर दिया. प्रदर्शन कर रहे परिजनों का कहना था कि लापरवाह डाक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की जाए.
खबर है कि अनीता अहिरवार उम्र 38 वर्ष की डिलेवरी खुरई के रीठौर मिशन अस्पताल में 6 सितंबर 2023 को डाक्टरों द्वारा आपरेशन से की गई थी. महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. डिलेवरी के बाद से ही महिला की तबियत खराब होने लगी. परिजनों ने कई बार अनीता को मिशन अस्पताल पहुंचाया लेकिन कोई आराम नहीं हुआ. इसके बाद परिजनों ने झांसी, बीना व भोपाल में इलाज कराया लेकिन अनीता का दर्द कम नहीं हुआ. 23 अगस्त 2024 को अनीता को जब असहनीय दर्द हुआ तो परिजनों ने सागर के भाग्योदय अस्पताल में भर्ती कराया. चार दिन तक इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि अनीता के पेट में कपड़ा फंसा हुआ है. जिसके कारण अनीता को लगातार दर्द बना हुआ है, उसे निकालने के लिए आपरेशन करना होगा. 28 अगस्त को डाक्अरों ने आपरेशन कर कपड़ा निकाल दिया. इसके बाद अनीता अस्पताल में ही भरती रही 7 सितम्बर की शाम अनीता की इलाज के दौरान मौत हो गई. ऑपरेशन कराया तो पेट में से कपड़ा निकला. बहन अस्पताल में ही भर्ती रही. बीती शाम इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. डाक्टरों ने परिजनों को बताया कि अनीता की बड़ी आंत में कपड़ा फंसा रहा. अनीता की मौत से गुस्साए परिजनों ने रात को ही खुरई में रिठौरी मिशन अस्पताल के सामने धरना देकर प्रदर्शन शुरु कर दिया. प्रदर्शन कर रहे परिजनों का कहना था कि लापरवाह डाक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की जाए, वहीं परिजनों को आर्थिक मदद दी जाए. धरना व प्रदर्शन की खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए, जिन्होने जांच कर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया. इसके बाद परिजनों धरना समाप्त किया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-