’शिवलिंग पर बिच्छू’ टिप्पणी पर शशि थरूर को राहत, कार्यवाही पर रोक!

’शिवलिंग पर बिच्छू’ टिप्पणी पर शशि थरूर को राहत, कार्यवाही पर रोक!

प्रेषित समय :21:30:31 PM / Tue, Sep 10th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज
सर्वोच्च अदालत ने 10 सितंबर, 2024 को कांग्रेस सांसद शशि थरूर को राहत प्रदान करते हुए उनके खिलाफ मानहानि मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी है.
खबरों की मानें तो.... शशि थरूर को इस मामले में बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में पेश होना था, लेकिन मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया, जहां उन्होंने निवेदन किया था, यदि सुनवाई नहीं होती तो उन्हें हाईकोर्ट में मानहानि की कार्यवाही के लिए उपस्थित होना पड़ता.
उल्लेखनीय है कि.... पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर शशि थरूर की टिप्पणी ’शिवलिंग पर बिच्छू’ को लेकर मानहानि का मामला दर्ज किया गया था, जिसके खिलाफ वह दिल्ली हाईकोर्ट गए, लेकिन अदालत ने मानहानि का मामला रद्द करने से इनकार कर दिया.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के संदर्भ से खबरें हैं कि- जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस आर महादेवन की बेंच शशि थरूर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जहां शशि थरूर के वकील का कहना था कि.... शशि थरूर ने साल 2012 के कारवां मैगजीन के आर्टिकल का हवाला दिया था, जिसमें आरएसएस के एक नेता ने पीएम मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से की थी, क्योंकि शशि थरूर ने एक पत्रिका में छपी बात को दोहराया था, लिहाजा शिकायतकर्ता को इस मामले में सीधे प्रभावित नहीं कहा जा सकता है.
याद रहे.... वर्ष 2018 में बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टविल में बोलते हुए शशि थरूर ने आरएसएस नेता की इस बात का उल्लेख किया और इसको एक्स्ट्राऑर्डिनरी मेटाफर बताया था.
इस मामले में शशि थरूर के वकील का कहना है कि- जब 2012 में इस पर कोई आपत्ति नहीं की गई तो 2018 में अचानक से क्यों आपत्ति जताई गई?
खबरों पर भरोसा करें तो.... वकील ने अदालत में यह कहा कि इसका मतलब है- साथ भी नहीं रह सकते और अलग भी नहीं रह सकते, इस पर जस्टिस रॉय ने कहा कि ’एक मेटाफर के कई मतलब हो सकते हैं. मुझे समझ नहीं आया कि किसी को इस पर आपत्ति क्यों है?’
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता बीजेपी नेता राजीव बब्बर को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-