नई दिल्ली. पूर्व राज्यसभा सांसद व सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी का आज लम्बी बीमारी के बाद 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्हें दिल्ली के एम्स की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कर तीव्र श्वसन पथ संक्रमण का इलाज किया जा रहा था. पिछले कुछ दिनों से वे श्वसन सहायता पर थे और डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम द्वारा उनका इलाज किया जा रहा था.
सीताराम येचुरी ने 2015 में सीपीएम के महासचिव के रूप में प्रकाश करात का स्थान लिया था. येचुरी ने दिवंगत पार्टी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत के अधीन काम सीखा था. जिन्होंने पहले वीपी सिंह की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार व 1996-97 की संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान गठबंधन युग के शासन में प्रमुख भूमिकाएं निभाई थीं. दोनों ही सरकारों को सीपीआई (एम) ने बाहर से समर्थन दिया था. श्री येचुरी ने अपने कौशल को तब और निखारा जब वामपंथी दलों ने पहली यूपीए सरकार का समर्थन किया. उन्होने अक्सर नीति-निर्माण में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर दबाव डाला. उन्होंने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर सरकार के साथ बातचीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जिसके कारण करात के अडिय़ल रुख के कारण वामपंथी दलों ने यूपीए-1 सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. येचुरी जो 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए और अगले ही साल पार्टी के सदस्य बन गए. आपातकाल के दौरान कुछ महीने बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-