अभिमनोज
इस वक्त सबसे बड़ा सवाल यह है कि- क्या देश की प्रमुख जांच एजेंसियां सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों से सबक लेंगी?
यह सवाल इसलिए कि करीब 11 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर प्रमुख जांच एजेंसियों को- पिंजरे में बंद तोता वाला आईना दिखाया है!
खबर यह है कि.... सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को जमानत दे दी, लेकिन इससे भी बहुत बड़ी खबर यह है कि- करीब 11 साल बाद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते वाला आईना दिखा दिया.
खबरों की मानें तो.... अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए जस्टिस भुइयां ने कहा कि- सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की छवि से बाहर आना होगा और दिखाना होगा कि अब वह पिंजरे में बंद तोता नहीं रहा.
याद रहे.... करीब 11 साल पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी ही टिप्पणी की थी, तब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को ’पिंजरे में बंद तोता’ करार दिया था और अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि- सीबीआई को इस छवि से मुक्त दिखना चाहिए.
खबरों पर भरोसा करें तो.... अरविंद केजरीवाल की जमानत का फैसला पढ़ते हुए जस्टिस भुइंया का कहना था कि-’सीबीआई इस देश की प्रमुख जांच एजेंसी है, इसी में सबकी भलाई है कि सीबीआई को न केवल सबसे ऊपर होना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए, किसी भी धारणा को दूर करने के हर मुमकिन कोशिश की जानी चाहिए कि जांच और गिरफ्तारी निष्पक्ष रूप से की गई थी!
देखना होगा कि- सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद सिस्टम में कोई बदलाव होता है या नहीं?
क्या जांच एजेंसियां सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों से सबक लेंगी?
प्रेषित समय :21:08:02 PM / Fri, Sep 13th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर