जबलपुर. जबलपुर में हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी रेलवे अफसर विनोद कोरी की जमानत निरस्त कर दी है. करीब दो महीने से ज्यादा समय तक जेल में रहने के बाद वह जमानत पर बाहर है. आरोप है कि इस दौरान पीडि़त को परेशान कर केस वापस लेने का दबाव बनाने लगा. पीडि़त ने कोर्ट में फिर याचिका दायर करते हुए कुछ फोटोज भी पेश किए हैं. इसके बाद कोर्ट ने रेलवे अफसर को वापस गिरफ्तार करने के निर्देश पुलिस को दिए हैं.
याचिका पर शनिवार (28 सितंबर) को जस्टिस विशाल धगट की कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा कि आरोपी अपनी जमानत का मिस यूज कर पीडि़त पर दबाव बना रहा है. आरोपी विनोद कोरी पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल में चीफ वेलफेयर इंस्पेक्टर है. 21 अप्रैल को सिविल लाइन थाने में विनोद के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. 29 अप्रैल 2024 को जेल भेजा गया. 4 जुलाई 2024 को हाई कोर्ट ने सशर्त जमानत दी थी. कोर्ट ने कहा था कि पीडि़त को परेशान न किया जाए.
पीडि़त ने बताया- दबाव बना रहा आरोपी
पीडि़त की ओर से अधिवक्ता निखिल भट्ट ने 28 अगस्त को हाईकोर्ट में याचिका लगाई. कोर्ट को बताया कि आरोपी विनोदी कोरी के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है. लिहाजा, उसका तबादला जबलपुर से सागर कर दिया गया है. ये भी निर्देश हैं कि बिना सीनियर अफसर को बताए जबलपुर ना आए. इसके बाद भी उसका लगातार जबलपुर आना-जाना रहता है. रेप पीडि़त ने उसका पीछा करते हुए आरोपी के फोटो भी क्लिक किए हैं. पीडि़त ने बताया कि 27 जुलाई को वह अपनी मां के साथ ऑटो से गढ़ा से घर आ रही थी. इस दौरान आरोपी विनोद कोरी अपने दोस्त के साथ बाइक से पीछा करता रहा. कई बार उसे रास्ते में रोक कर केस वापस लेने और बयान से मुकरने का दबाव भी बनाया. 27 जुलाई को ही मदन महल थाने में जाकर शिकायत भी की थी. पुलिस ने जब विनोद कोरी को थाने बुलाया, तो वह सफाई देने लगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-