JABALPUR: मंदिरों-गरबा पंडाल में जींस-टी शर्ट वालों को नो-एंट्री, हिन्दू सेवा परिषद ने लगाए पोस्टर

JABALPUR: मंदिरों-गरबा पंडाल में जींस-टी शर्ट वालों को नो-एंट्री

प्रेषित समय :18:13:24 PM / Thu, Oct 3rd, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में पश्चिमी सभ्यता वाले कपड़ों को लेकर एक बार फिर हिन्दू सेवा परिषद ने रोक लगा दी है. हिन्दू सेवा परिषद द्वारा शहर के मंदिरों सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर लगाए जा रहे है. जिसमें स्पष्ट किया जा है कि गरबा पंडाल, देवी मंदिरों में छोटे कपड़े, जींस-टी शर्ट पहनकर आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसके लिए कार्यकर्ता भी तैनात किए जा रहे है जो ऐसे लोगों पर नजर रखेगें.

हिन्दू सेवा परिषद ने नवरात्र पर्व के दौरान मंदिरों में मर्यादित कपड़े पहनने की गाइड-लाइन तय की हैं. इसके साथ ही सभी से आग्रह किया है कि भारतीय सभ्यता के कपड़े पहनकर ही मंदिरों में प्रवेश करे. हिंदू सेवा परिषद ने चेतावनी दी है कि अगर कोई महिला या फिर लड़की जबरन मंदिर में प्रवेश करती है तो मजबूरन उनके खिलाफ सख्त कदम उठाना पड़ेगा. शहर के दो दर्जन  मंदिरों में अभी तक बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए है. जिसमें साफ-साफ शब्दों में लिखा गया है कि सभी महिलाएं एवं पुरुष मंदिर में मर्यादित कपड़े में ही आएं. छोटे वस्त्र, हाफ पेंट, बमुर्डा, मिनी स्कर्ट, कटी-फटी जींस व क्राप टॉप अभद्र कपड़े पहन कर मंदिर में प्रवेश न करे. हिन्दू सेवा परिषद के निर्देश मे लिखा है कि महिलाएं विशेषत आदर्श जनक कपड़े का उपयोग करें जैसे साड़ी एवं सलवार सूट. महानगर अध्यक्ष का कहना है कि नवरात्रि का आज पहला दिन था. कल भी कुछ और बड़े मंदिरों में पोस्टर लगाए जाएंगे इसके साथ ही हमारे कार्यकर्ता मंदिर में सुबह से लेकर रात तक तैनात रहेंगे और ऐसे लोगों पर नजर भी बनाए रखेंगे जो कि हमारे निर्देश का उल्लंघन करते है. अतुल जैसवानी का कहना है कि इस नवरात्रि में हम अपने सनातन धर्म की हर स्तर तक रक्षा करेंगे. हिंदू सेवा परिषद ने शहर में होने वाले गरबा पर भी पश्चिमी सभ्यता वाले कपड़ों पर रोक लगाई है. हिंदू सेवा परिषद ने शहर के सभी आयोजकों से अपील की है कि छोटे कपड़े, जींस, मिनी स्कर्ट, कटे-फटे कपड़े पहनकर आने वाले लोगों को पंडाल में अनुमति ना दे. हिंदू सेवा परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि यह कदम भारतीय सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए उठाया गया है. क्योंकि पश्चिमी पहनावे को लेकर उनका मानना है कि यह भारतीय संस्कृति को नष्ट करने की साजिश का हिस्सा है. हम इसे नष्ट नहीं होने देना चाहते हैं, साथ ही हिंदू सेवा संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर कोई महिला या युवती इस तरह के कपड़े पहनकर दुर्गा पंडाल या मंदिरों में आती है तो वह उसका खुलकर विरोध करेंगे. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-