भारत का निर्णय: SCO समिट के लिए विदेश मंत्री जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे, मालदीव के राष्ट्रपति इंडिया का दौरा करेंगे

भारत का निर्णय: SCO समिट के लिए विदेश मंत्री जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे, मालदीव के राष्ट्रपति इंडिया का दौरा करेंगे

प्रेषित समय :16:57:21 PM / Fri, Oct 4th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर पाकिस्तान दौरे पर जाएंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि डॉ जयशंकर पाकिस्तान दौरे पर एससीओ समिट में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार तीन दिवसीय दौरे पर भारत आएंगे.

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत से विदेश मंत्री पाकिस्तान दौरे पर जाएंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर के पाकिस्तान दौरे के अलावा मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू का भारत दौरा भी प्रस्तावित है. उन्होंने कहा, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू 7 से 10 अक्टूबर 2024 तक भारत की राजकीय यात्रा पर आएंगे. यह उनकी भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. इससे पहले जून, 2024 में भी मुइज्जू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत आए थे. मुइज्जू बेंगलुरु और मुंबई भी जाएंगे. इन शहरों में उनके व्यापारिक कार्यक्रम होंगे.

पश्चिम एशिया में फंसे लोगों के पास सुरक्षित जगहों पर जाने का विकल्प

पश्चिम एशिया के संकट पर विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत ने कुछ दिन पहले एक बयान जारी कर गहरी चिंता व्यक्त की थी. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने कहा कि हिंसा और स्थिति हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है. हमने सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा का पर जोर दिया था. उन्होंने कहा, 'हमारी राय में यह महत्वपूर्ण है कि हिंसक संघर्ष व्यापक क्षेत्रीय आयाम न ले ले... अभी तक, इसराइल, ईरान और अन्य देशों से उड़ानें संचालित की जा रही हैं. इसलिए लोगों के पास विकल्प है कि वे सुरक्षित जगहों पर जा सकते हैं.

लेबनान-ईरान और इजरायल में कितने भारतीय हैं?

उन्होंने बताया कि संकट में फंसे परिवारों ने भारत सरकार और हमारे दूतावासों से संपर्क किया है, लेकिन फिलहाल सरकार कोई निकासी प्रक्रिया नहीं चला रही है. लेबनान में हमारे करीब 3,000 लोग हैं, जिनमें से ज्यादातर बेरूत में हैं. ईरान में, हमारे करीब 10,000 लोग हैं, जिनमें से करीब 5,000 छात्र हैं... इस्राइल में, हमारे करीब 30,000 लोग हैं जिनमें से ज्यादातर देखभाल करने वाले और कर्मचारी हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-