अनिल/रांची
बिहार से बंटकर खनिज एवं वन आच्छादित प्रदेश झारखंड राज्य बनने के पहले से ही अधिकारियों और राजनीतिक दलों के योद्धाओं का चारागाह प्रदेश के नाम से चर्चित रहा है. कुछ समय पहले से ही यह घोटालों के प्रदेश के नाम से भी नवाजा जाने लगा है.इस प्रदेश के गठन के पूर्व से ही जिन अधिकारियों और राजनेताओं एवं माफियाओं को जितना बना . उतना लूटने का भरपूर कोशिश किया.एक समय में तो निर्दलीय विधायक से मुख्यमंत्री के कुर्सी पर बैठने वाले मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने पूरे राज्य का बजट का रूपये का घोटाला कर लिबिया में कोयला का खदान तक खरीद डाला है.इस प्रदेश में राजनेताओं, अधिकारियों और माफियाओं द्वारा घोटाले करना कोई नई बात नहीं है.अभी हाल में प्रदेश में एक और घोटाले का नाम इस दूर्गा पूजा के अवसर पर जुड़ गया है.जिसका नाम ऊर्जा विभाग यानी विद्युत उत्पादन एवं वितरण निगम के अधिकारियों के हवाले से किया गया है.
झारखंड विद्युत वितरण निगम और उत्पादन निगम से 109 करोड़ के फर्जी निकासी में एटीएस की एसआईटी ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. धुर्वा थाने में दर्ज मुकदमे की जांच के लिए एटीएस एसपी रिषभ झा के अधीन 3 एएसपी स्तर के अधिकारियों की एसआईटी गठित की गई थी. जांच में एसआईटी ने जेटीडीसी के कैशियर गिरिजा प्रसाद सिंह और केनरा बैंक के निफ्ट ब्रांच के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार को गिरफ्तार किया. स्वीकारोक्ति पर साजिशकर्ता रुद्र कुमार सिंह को बोकारो सेक्टर 8 ए से गिरफ्तार किया. लोकेश्वर प्रसाद नाम के साजिशकर्ता को डिबडीह क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तार साजिशकर्ताओं की निशानदेही पर उनके ठिकानों से करीब 85 लाख रुपए कैश और 15 लाख के सोने के गहने (प्राप्त कमीशन के पैसों से) बरामद किए गए. राज्य पुलिस मुख्यालय के आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि कुल एक करोड़ के अपराध से अर्जित की राशि को बरामद किया गया. बताया कि जांच में एनसीसीआरपी पोर्टल/साइबर क्राइम थाना, सीआईडी द्वारा इंडियान साइबर क्राइम कॉ-ऑडिनेशन सेंटर, बैंकों के साथ लगातार समन्वय बनाकर खाता फ्रीजिंग की कार्रवाई के साथ फर्जी खातों के उद्भेदन की कार्रवाई हो रही है. अभी तक कुल 300 फर्जी खातों की जानकारी मिली है.जिनमें से सबसे ज्यादा फर्जी अकाउंट उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक में खोले जाने की बात सामने आई है. अब तक 39.70 करोड़ रुपये खातों में फ्रिज किये गये हैं.
ऊर्जा निगम में राशि हेरफेर के आरोपियों पर विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश
दूसरी ओर झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड में 40 करोड़ 50 लाख 500 रुपये के हेरफेर के आरोपी तीन पदाधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्देश निगम के एमडी रणजीत कुमार लाल ने दिया है. इनमें जयंत प्रसाद-महाप्रबंधक वित्त एवं लेखा, रणजीत कुमार सिंह-उप महाप्रबंधक, वित्त एवं लेखा और श्रीकांत-वरीय प्रबंधक वित्त एवं लेखा. उत्पादन निगम की प्रारंभिक जांच में इन तीन पदाधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पायी गई है. इस आधार पर एमडी ने तीनों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद इन पर आरोप पत्र गठित किया जायेगा. दोष सिद्ध होने पर तीनों पर निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है. उत्पादन निगम के इन अधिकारियों के ख़िलाफ़ विभागीय कार्रवाई चलाने की पूरी तैयारी की जा रही है.
अब आने वाले समय ही बताएगा कि खनिज संपदा से भरपूर यह प्रदेश कब तक लूट प्रदेश बना रहता.