स्टाकहोम. साल 2024 के लिए जापान के संगठन निहो हिंदाक्यो को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. निहो हिंदाक्यो को ये नोबेल पुरस्कार परमाणु हथियारों के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए दिया गया है. संगठन का मानना है कि, दुनिया में परमाणु हथियारों का फिर कभी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
इस संगठन में वे लोग चलाते हैं हैं जो दूसरे विश्व युद्ध में हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमले में जीवित बचे थे. इन्हें जपानी भाषा में हिबाकुशा कहा जाता है. हिबाकुशा दुनिया भर में अपनी पीड़ा और विभत्स यादों को निहोन हिदांक्यो संगठन के जरिए साझा करते हैं.
निहोन हिदांक्यो को इस साल का शांति पुरस्कार देते हुए नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने कहा कि एक दिन परमाणु हमले को झेलने वाले ये लोग हमारे पास नहीं रहेंगे, लेकिन जापान की नई पीढ़ी उनकी याद और अनुभवों को दुनिया के साथ साझा करती रहेगी. नई पीढ़ी को ये याद दिलाती रहेगी कि परमाणु हथियार दुनिया के लिए कितने खतरनाक हैं. इनका इस्तेमाल फिर नहीं होना चाहिए चाहिए. नॉर्वेजियन नोबेल समिति को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कुल 286 उम्मीदवारों के आवेदन मिले थे, जिसमें से 89 संगठन हैं.
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