चांदनी
सुराग, गरुड़
बागेश्वर, उत्तराखंड
ज़रा इन सुगंधित फूलों से पूछो,
क्या ऐसे सुगंध फैलाओगे?
ज़रा इन खुले आसमान से पूछो,
क्या ये हमेशा ऐसे ही नीले रहेंगे?
हमारी प्यास बुझाने वाले पानी से पूछो,
क्या ऐसे ही हमारी प्यास बुझाएंगे?
ज़रा इन लहलहाती फसलों से पूछो,
क्या हमेशा ऐसे ही उगते रहेंगे?
ज़रा इन हरे भरे पेड़ों से पूछो?
क्या ऐसे ही खिलते रहेंगे?
ज़रा इन इंसानों से भी तो पूछो,
क्या ऐसे ही धरती की रक्षा करेंगे॥
चरखा फीचर्स
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